नोएडा पुलिस ने नौ लड़कियां और दो लड़कों को जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन्होंने जालसाजी में फांसने के लिए दस हजार में देश भर के लोगों का डाटा खरीदा था। जालसाजी से मिली रकम किराए पर लिए गए खाते में जमा करवाई जाती थी। लोगों को कॉल करने के लिए इन्होंने फर्जी आधार कार्ड पर सिम खरीदे थे।
नोएडा में इस तरह चल रही थी जालसाजी
पुलिस के मुताबिक जालसाजों के उपरोक्त गैंग को सीआरटी गौतमबुद्धनगर व थाना सेक्टर 49 पुलिस द्वारा संयुक्त कार्रवाई में पकड़ा गया है। पकड़े गए आरोपियों के नाम 1. आशीष कुमार उर्फ अमित 2. जितेंन्द्र वर्मा उर्फ अभिषेक व 09 महिलायें 1. निशा उर्फ स्नेहा 2. रेजू उर्फ दिव्या 3. लवली यादव उर्फ स्वेता 4. पूनम उर्फ पूजा 5. आरती कुमारी उर्फ अनन्या 6. काजल कुमारी उर्फ सुर्ती 7. सरिता उर्फ सुमन 08. बबीता पटेल उर्फ माही 09. गरिमा चौहान उर्फ सोनिया हैं। इन्हें शर्मा मार्केट की चौथी मंजिल ग्रा0 होशियारपुर सैक्टर 51 नोएडा से गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस को आरोपी आशीष कुमार उर्फ अमित ने पूछताछ में बताया है कि वही इस सेन्टर को चला रहा था। वह एनसीआर0 क्षेत्र से बाहरी राज्यों के लोगों को मोटी कमाई के लालच में लोन व बीमा के नाम पर धोखाधड़ी का काम करता व करवाता था। जिसमें उसके साथी कमीशन पर उसकी मदद करते थे। जिसका जितना कार्य होता, उसका उतना कमीशन कैश के रूप में मिल जाता था।
इन्होंने पीएनबी बैंक का एक एकाउन्ट जो कि कर्नाटक निकासी अरविंद नाम के शख्स की थी उससे 10 हजार रूपये महीनें पर किराये पर लिया था। उसका डेबिट कार्ड/एटीएम भी इन्हीं के पास रहता था। खाते में पैसे आते ही, एटीएम से जाकर पैसें निकाल लेते थे। एक काली डायरी है में पैसे के लेन-देन का हिसाब लिखा जाता था।
सभी लडके व लड़कियों से कड़ाई से पूछताछ की गयी तो बरामद सामान एवं काम करने के तरीके के बारे में पूछने पर सभी ने बताया की सब लोग मिल कर दिल्ली एनसीआर0 के बाहर के राज्यों के भोले भाले लोगों को टारगेट करते है, जिन्हे बीमा पालिसी व लोन के नाम पर किराये पर लिये गये एकाउन्ट में पैसे ट्रांसफर कराते है, जिसे एटीएम से आशीष व जितेन्द्र निकालकर सभी लोग में बाँट देते थे। बडी हिस्सेदारी जितेन्द्र व आशीष की होती थी।
सब लोग सुबह लगभग 08.00 से लेकर रात्रि 20.00 बजे तक काल करते है जो मोबाइल फोन ये लोग उपयोग करते थे उनके सिम लोग फर्जी आधार कार्ड के जरिये जो टेन्ट लगाकर सिम बेचते है उन्हे अधिक पैसे देकर व फर्जी आधार कार्ड देकर खरीद लेते है इनके पास से फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुये है जिसका प्रयोग ये अपनी पहचान छुपाने के लिये करते है । इनके पास से 25 फोन, 81 डाटा सीट, काली डायरी आदि बरामद किया गया है।
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