दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (साइबर सेल) ने एक ऐसे खतरनाक और सुनियोजित रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसने सीधे आम लोगों की सेहत को दांव पर लगा दिया। यह गिरोह एक्सपायर्ड इंटरनेशनल ब्रांडेड फूड प्रोडक्ट्स (Expired imported food racket) को अवैध रूप से भारत में मंगाकर, उनकी मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट बदलता था और उन्हें नए पैक में “फ्रेश” बताकर बेच देता था।
इस कार्रवाई में करीब ₹4.3 करोड़ मूल्य के खाद्य और पेय पदार्थ जब्त किए गए हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि बरामद सामानों में बेबी फूड और बच्चों से जुड़े प्रोडक्ट्स भी शामिल थे।
Expired imported food racket कैसे हुआ पूरे रैकेट का खुलासा
क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी मंगेश कश्यप के मुताबिक गुप्त सूचना मिली थी कि सदर बाजार इलाके में कुछ लोग बेहद सस्ती कीमत पर एक्सपायर्ड इंटरनेशनल फूड बेच रहे हैं। इसके बाद पहाड़ी धीरज और फैज़ गंज, सदर बाजार में छापेमारी की गई।
छापे के दौरान सात लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड भी शामिल है। मौके पर भारी मात्रा में एक्सपायर्ड फूड, फर्जी लेबल और डेट बदलने की मशीनें मिलीं।
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दिल्ली सरकार के फूड सेफ्टी विभाग को तुरंत बुलाया गया और नियमानुसार सैंपल लेकर पूरा स्टॉक सीज़ कर दिया गया।
रैकेट का तरीका (Modus Operandi)
जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी अटल जायसवाल विदेशों से लगभग एक्सपायर्ड फूड बहुत सस्ते दामों पर मंगवाता था। ये कंसाइनमेंट UK, USA, दुबई जैसे देशों से आती थीं और भारत पहुंचते-पहुंचते ज़्यादातर सामान एक्सपायर हो चुका होता था।
कानून के मुताबिक इन्हें नष्ट करने के बजाय आरोपी इन्हें दोबारा “तैयार” करते थे:
- एक्सपायरी और मैन्युफैक्चरिंग डेट बदलना
- फर्जी बारकोड और बैच नंबर लगाना
- नया MRP छापना
- फ्रेश दिखने वाली पैकेजिंग में रीपैक करना
इसके बाद यह सामान बड़े रिटेल स्टोर्स, मॉल्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए पूरे देश में सप्लाई कर दिया जाता था।
क्या-क्या हुआ बरामद
कुल मिलाकर 43,762 किलो फूड आइटम और 14,665 लीटर ड्रिंक्स जब्त किए गए। इनमें शामिल थे:
- बिस्किट, चॉकलेट, बेबी फूड
- सॉफ्ट ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स
- केचप, सॉस, मेयोनीज़
- आयातित स्नैक्स और कैंडी
साथ ही फर्जीवाड़े में इस्तेमाल होने वाली पूरी “मिनी फैक्ट्री” भी मिली, जिसमें प्रिंटर, सीलिंग मशीन, केमिकल्स और नकली लेबल शामिल थे।
यह पूरी कार्रवाई इंस्पेक्टर मनजीत कुमार के नेतृत्व में की गई, जिसकी निगरानी ACP अनिल शर्मा और DCP आदित्य गौतम ने की। टीम की सतर्कता और इंटेलिजेंस-आधारित काम ने इस बड़े नेटवर्क को तोड़ने में अहम भूमिका निभाई।
जनहित संदेश: आप कैसे सावधान रहें
- बहुत सस्ते आयातित फूड से सावधान रहें
- पैकेजिंग, बारकोड और एक्सपायरी डेट ध्यान से जांचें
- बच्चों के खाने में कोई रिस्क न लें
- शक होने पर स्थानीय फूड सेफ्टी विभाग को सूचना दें











