Delhi school-दिल्ली एनसीआर के 222 स्कूलों में एक ईमेल ने अफरा तफरी मचा दी। इस ईमेल में बम रखे होने की सूचना थी। इस मेल ने उन स्कूलो में भी छुट्टी करने के लिए मजबूर कर दिया जहां धमकी मिली नहीं थी। भागम भाग के बीच अभिभावक अपने बच्चों के लिए कई तरह की आशंकाओं के त्रस्त रहे। अभी तक की जांच में बताया जा रहा है कि यह मेल VPN की मदद से की गई थी। आइए जानते हैं कि क्या है VPN इसका क्या कोई भी कर सकता है।
Delhi school-क्या होता है VPN
इसका फुल फार्म वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क होता है। कहते हैं कि इससे इंटरनेट की दुनिया में कई बंद दरवाजों को खोला जा सकता है। इसका इस्तेमाल ऑनलाइन सिक्योरिटी और प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए भी किया जाता है। कुछ लोग इसका इस्तेमाल अपने इंटरनेट के सर्वर को बाउंस करने के लिए भी करते हैं। यानि कि आप बेशक दिल्ली में बैठे हों मगर आपका लोकेशन विदेश में दिखाई देगी। इसमें वो शख्स जो कुछ भी सर्च करेगा या मेल भेजेगा लोकेशन कहीं और का आएगा।
इसीलिए वीपीएन द्वारा किए गए क्राइम को ट्रैक करना मुश्किल होता है। सामान्य वीपीएन तो फ्री या बहुत कम राशि देकर मिल जाती है। इसका इस्तेमाल छोटे मोटे अपराधी या सामान्य लोग करते हैं। यह वीपीएन सर्विस प्ले स्टोर पर आसानी से मिल जाती है। दूसरा प्रीमियम वीपीएन होता है। इसकी सर्विस देने वाली कंपनियां भारी रकम वसूल करती हैं।
प्रीमियम वीपीएन का इस्तेमाल बड़ी बड़ी कंपनियां और शातिर हैकर करते हैं। इसकी सर्विस देने वाली कंपनियां इसे एनक्रिप्ट कर देती हैं। इसीलिए इनको ट्रैस करना नामुमकिन सा हो जाता है। डेटा को एनक्रिप्ट करने के साथ ही प्रीमियम वीपीएन आपकी डाटा और हिस्ट्री को छिपा देता है। भारत समेत दुनिया भर में साइबर अपराधी वारदात करने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल करते हैं। इसकी मदद से अपराधी सर्वर का लोकेशन बदल लेते हैं।
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