cyber fraud news: साइबर ठग के झांसे मे आकर एक युवक ने इधर उधर से कर्ज लेकर 30 लाख रुपये से अधिक का निवेश किया। वह सोच रहा था कि इस निवेश से उसे लाखों रुपये की आय होगी। मगर शेल फर्म के जाल में उसने सारे पैसे गंवा दिए। दिल्ली की आउटर नार्थ साइबर पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया है। गिरफ्तार आरोपी की जांच में देश भर के ऐसे 33 मामलों का पता चला है जिसमें लोगों से करोड़ो रुपये ठगे गए हैं। लोगों को ठगने के लिए गैंग ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था।
cyber fraud news: ऐसे फांसते हैं साइबर ठगी के जाल में
आउटर नार्थ दिल्ली के डीसीपी निधिन वाल्सन के मुताबिक राष्ट्रीय साइबर पोर्टल के माध्यम से 30 लाख 50 हजार रुपये ठगे जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायतकर्ता युवक ने बताया था कि गोल्डमैन नाम कंपनी के एक विज्ञापन में शेयर में निवेश पर उच्च गारंटी की बात कही गई थी। युवक इस विज्ञापन के झांसे में आ गया। उसे एक व्हाट्सएप्प ग्रुप में शामिल कर लिया गया। इस व्हाट्स एप्प ग्रुप में हर दिन मोटी कमाई के स्क्रीन शॉट शेयर किए जाते थे। इनको देख युवक को कंपनी पर भरोसा बढ़ गया।
पुलिस जांच में पता चला कि व्हाट्स एप्प ग्रुप में ज्यादातर सिंडिकेट के ही सदस्य शामिल थे। ये लोग लोगों को झांसे में लेने के लिए झूठे स्क्रीन शॉट शेयर किया करते थे। शुरूआत में युवक ने एक लाख रुपये का निवेश किया। अगले दिन उसके खाते में लाभ दिखाया गया मगर कैश निकालने पर पाबंदी थी। कंपनी संचालकों द्वारा उसे समझाया गया कि और ज्यादा निवेश करे।
फंसता गयाः
पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता युवक का नाम पवन है। पवन जब भी पैसा निकालने की बात करता उसे कंपनी शर्तों का हवाला देकर ज्यादा कमाई का लालच दिया जाता रहा। उनके झांसे में आकर पवन ने रिश्तेदारों से 10 लाख और फिर बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लेकर उनके खाते में जमा कर दिया। उसकी स्थिति आत्महत्या के कगार पर पहुंच गई।
इस मामले को सुलझाने के लिए एडिशनल डीसीपी राजीव कुमार की देखरेख में साइबर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर रमण सिंह के नेतृत्व में एसआई दामोदर बसवाना, हेडकांस्टेबल संजीत, जितेन्द्र, ईश्वर और विकास की टीम बनाई गई। पुलिस जांच में पता लगा कि रूद्र ट्रेडर्स ने पवन के पैसे निकाले थे। गहन जांच के बाद पुलिस टीम ने नोएडा से राहुल कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया। उसके पास रूद्र ट्रेडर्स के कागजात औऱ संबधित मोबाइल नंबर आदि बरामद हो गए।
फर्जी पहचान और जालः
राहुल कुमार श्रीवास्तव ने संजय नाम से फर्जी पैन कार्ड औऱ आधार कार्ड बनवाया हुआ था। इसी फर्जी पहचान पर उसने ना केवल बैंक सत्यापन के काम करवा लिए थे बल्कि परीचितों की मदद से जीएसटी नंबर लेने में भी सफल हो गया था। राहुल ने इसने साथियों शम्मी राजपूत, शुभम सिंह और मृदुल के साथ टेलीग्राम पर वैसे समूहों में शामिल हो गया था जिसमें साइबर ठग बैंक खाते किराए पर लेते हैं। उसने अपना खाता किराए पर दिया भी था जिसमें ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम विभिन्न लोगों ने जमा करवाए थे और फिर रकम को विदेश भी भेजा गया था। उसके साथी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
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