crime alert: गुजरात के साइबर ठग मजदूरों के खाते और सिम का इस्तेमाल कर देश भर में लोगों से ठगी कर रहे थे। ठगी से वसूली गई लाखों की रकम से रेडीमेड गारमेंट की दुकान का उद्घाटन होने जा रहा था। मगर उसी समय पुलिस ने पहुंचकर साइबर क्रिमिनलों को गिरफ्तार कर ठगी की इस दिलचस्प रैकेट का खुलासा कर दिया। दिल्ली आउटर नार्थ साइबर पुलिस ने इस सिलिसले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
crime alert: साइबर क्रिमिनलों का तरीका
साइबर ठगी का यह रिंग प्रकाश नाम का शख्स चलाता था उसके पिता वडनगर थाने में पुलिस सहायक के तौर पर ग्राम रक्षक दल में तैनात हैं। मामले में गिरफ्तार करण के परिवार में 3 बहनें और पिता-माता हैं। वह गुजरात से शिक्षित और आईटीआई में डिप्लोमा धारक है। वह भोले-भाले लोगों को अलग-अलग कमोडिटी में पैसा लगाने के लिए बुलाता था। अंकित भी गुजरात से आईटीआई में शिक्षित है। उसने भी अलग-अलग नंबरों से भोले-भाले लोगों को कॉल करने में अपने भाई की मदद की। एक अन्यय आरोपी सुरेश ठाकोर 10वीं पास है और एक फैक्ट्री में काम करता है। वह फर्जी खातों की व्यवस्था करने के लिए किंगपिन प्रकाश का बिचौलिया है। वह एटीएम से पैसे निकालकर प्रकाश को सौंपता था।
आउटर नार्थ दिल्ली डीसीपी निधिन वालसन के मुताबिक एनसीआरपी के माध्यम से आउटर नार्थ साइबर थाने को एक शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक एक फोन कॉल से उसे ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट में निवेश करने पर भारी मुनाफे का वादा किया गया। लालच में आकर उसने दिए गए बैंक खातों में 23.90 लाख रुपये जमा करवा दिए। बाद में उसे पता चला कि उसे ठग लिया गया है।
साइबर ठगी के इस मामले को सुलझाने के लिए एसीपी यशपाल सिंह की देखरेख में साइबर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर रमण कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआई तस्वीर, हेडकांस्टेबल अजय, रमन, पवन और मंदीप की एक टीम बनाई गई। टीम ने गहन जांच के बाद गुजरात के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की और मेहसाणा के वडनगर से करण और अंकित नाम के दो ठगों को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वे रेडीमेड गारमेंट और एसेसरीज बेचने वाली दुकान के उद्घाटन में शामिल हो रहे थे।
उनके पास से अपराध से जुड़े सबूत वाले दो मोबाइल फोन बरामद किए गए। पता चला कि रेडीमेड गारमेंट्स और एक्सेसरीज को सरगना प्रकाश ने ठगी के पैसे से खरीदा था और दुकान का उद्घाटन समारोह 24 अक्टूबर, 2024 को उसकी मृतक पत्नी सुश्री सूरज के नाम पर होना था। दुकान का सारा सामान बीएनएसएस की धारा 106 के तहत जब्त कर पुलिस के कब्जे में ले लिया गया। इस मामले में गुजरात के खेरालू के चाडा गांव निवासी सुरेश ठाकोर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, वह 11 सितंबर, 2024 से न्यायिक हिरासत में है।
ऐसे करते थे ठगीः
पुलिस के मुताबिक आरोपी फर्जी नंबरों का इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों को कॉल करते हैं। वे लोगों को भारी मुनाफे का वादा करके विभिन्न निवेशों में निवेश करने के लिए बरगलाते हैं। फिर वे पीड़ितों से डीमैट खाता खोलने और कॉल को दूसरे साथी को ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। अगला कॉलर पीड़ितों से भारी मुनाफे का वादा करते हुए फर्जी खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहता है। आखिरकार, सारा पैसा डूब जाता है और कोई लाभ वापस नहीं मिलता। अपराधी मजदूरों के फर्जी सिम कार्ड और फर्जी खातों का इस्तेमाल करते हैं।
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