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नई दिल्ली ,इंडिया विस्तार। योग गुरु बाबा रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण और तीन अन्य के खिलाफ कोरोना(corona) ठीक करने की दवाई का दावा करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है. पतंजलि ने दावा किया था कि हर्बल मेडिसिन कंपनी ने ‘कोरोनिल’(coronil) नामक दवाई बनाकर कोविड-19 का तोड़ ढूंढ़ लिया है. यह शिकायत शुक्रवार को ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई.
जयपुर के ज्योतिनगर थाने में शुक्रवार को ये FIR क वकील ने दर्ज कराई है। इसमें योगगुरु रामदेव और बालकृष्ण के अलावा वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय, NIMS के अध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह तोमर और निदेशक डॉ. अनुराग तोमर को आरोपी बनाया गया है।
दरअसल कोरोनिल दवा लॉन्च की गई थी, तब दावा किया गया था कि इस दवा का ट्रायल राजस्थान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (National Institute Of Medical Science – NIMS) में किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक NIMS का कहना है कि इस दवा का टेस्ट करने के लिए हमारे पास सभी जरूरी अनुमति थी। टेस्ट से पहले CTRI से अनुमति ली गई थी, जो ICMR का एक एक हिस्सा है। NIMS, जयपुर में 100 मरीजों पर इस दवा का ट्रायल किया गया था। इस दवा से 3 दिन में 69% मरीज ठीक हो गए, जबकि 7 दिन में 100% मरीज ठीक हो गए। इस बारे में हमने राजस्थान सरकार को 2 जून को सूचित कर दिया गया था