Arunachal Pradesh-बाघों की सुरक्षा के लिए अरुणाचल में विशेष बल गठन का रास्ता साफ, केंद्र करेगा मदद

Arunachal Pradesh-अरुणाचल प्रदेश में मौजूद बाघ अभ्यारण्य (tiger reserve) में रहने वाले बाघों की सुरक्षा (Save tigers) का रास्ता और साफ हो गया है।

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Arunachal Pradesh-अरुणाचल प्रदेश में मौजूद बाघ अभ्यारण्य (tiger reserve) में रहने वाले बाघों की सुरक्षा (Save tigers) का रास्ता और साफ हो गया है। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(NTCA) और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है। इसके मुताबिक एनटीसीए विशेष बल (STPF) बनाने में अरुणाचल सरकार की मदद करेगा।

Arunachal Pradesh-MOU पर कब हुआ हस्ताक्षर, कैसे मिलेगी मदद

अरुणाचल प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मामा नातुंग और एनटीसीए के आईजीएफ अमित मलिक की उपस्थिति में आयोजित एक समारोह में एमओयू(MOU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर पी. सुब्रमण्यम आईएफएस, पीसीसीएफ और एचओएफएफ, अरुणाचल प्रदेश सरकार, एन. टैम आईएफएस, पीसीसीएफ वन्यजीव और सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू, अरुणाचल प्रदेश सरकार; विभाग के अन्य वरिष्ठ आईएफएस अधिकारियों के साथ राज्य के तीनों टाइगर रिजर्व के फील्ड निदेशक/डीएफओ उपस्थित थे।

गौरतलब है कि हाल ही में 18 अक्टूबर 2023 को अरुणाचल प्रदेश की कैबिनेट ने राज्य में विशेष बाघ सुरक्षा बल(STPF) के गठन को मंजूरी दी थी। इसके पहले 2022 में एनटीसीए ने दिशा निर्देश के साथ बल के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। 19 फरवरी को हुए एमओयू के मुताबिक एनटीसीए राज्य सरकार के साथ 90:10 के अनुपात में राज्य के सभी बाघ अभयारण्यों में बाघों की सुरक्षा के लिए विशेष बाघ संरक्षण बल (एसटीपीएफ) की स्थापना, हथियार और तैनाती के लिए धन सहायता प्रदान करेगा।

इस अवसर पर अरुणाचल के वन मंत्री मामा नातुंग ने बाघों के संरक्षण पर सरकार की ईमानदारी और प्रतिबद्धता का जिक्र किया। उन्होने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बल की स्थापना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों में मिल रहे केंद्र के समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया। इस अवसर पर एनटीसीए के आजीएफ डॉ.अमित मलिक ने कहा कि बल राज्य को प्राचीन बाघ आवासों और उनसे जुड़ी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रभावी संरक्षण में मदद करेगा।

ऐसा होगा STPF

सभी 3 टाइगर रिजर्व में 112 कर्मियों की एक कंपनी होगी, कुल मिलाकर 3 कंपनी होगी जिसमें 336 नियमित कर्मी और 102 संविदा कर्मी जैसे ड्राइवर, सफाई कर्मचारी, रसोइया, सहायक आदि (प्रत्येक टाइगर रिजर्व में 34) होंगे। संविदा कर्मियों को संविदा के आधार पर शुरू में एक वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जाएगा, जिसे प्रदर्शन मूल्यांकन के आधार पर प्रत्येक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।

कुल मिलाकर, एक कंपनी में 108 विशेष टाइगर गार्ड होंगे, जो राज्य वन विभाग में एक नियमित वन रक्षक के पद के बराबर होंगे। सभी कर्मियों की नियुक्ति मौजूदा नियमों व प्रक्रियाओं के तहत की जायेगी. एसटीपीएफ को विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से पेशेवर क्षमता वाले उचित पहचान के साथ एक अलग कैडर के रूप में मान्यता दी जाएगी।

इस एसटीपीएफ का मुख्य उद्देश्य बाघों और अन्य जंगली जानवरों के अवैध शिकार को रोककर टाइगर रिजर्व सहित पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग की संपत्तियों की रक्षा और सुरक्षा करना होगा। अरुणाचल प्रदेश वन और विशेष बाघ संरक्षण बल अधिनियम, 2012 को 4 मार्च, 2013 को अधिसूचित किया गया था। यह अधिनियम सरकार को एक विशेष बल का गठन करने में सक्षम बनाता है जिसे राज्य के बाघ अभयारण्यों के लिए अरुणाचल प्रदेश विशेष बाघ संरक्षण बल कहा जा सकता है।

एसटीपीएफ को बढ़ाने, हथियार देने और तैनात करने के लिए प्रारंभिक धन सहायता प्रोजेक्ट टाइगर / राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को दिए गए एकमुश्त अनुदान से प्रदान की जाएगी, और बाद में 90% केंद्रीय सहायता के माध्यम से निरंतर तरीके से समर्थन किया जाएगा।

प्रोजेक्ट टाइगर की चल रही केंद्र प्रायोजित योजना से और शेष 10% अरुणाचल प्रदेश राज्य सरकार से। MoEF&CC कुल व्यय (आवर्ती और गैर-आवर्ती) का 90% वहन करेगा और अरुणाचल प्रदेश राज्य सरकार STPF की स्थापना और इसके रखरखाव के लिए शुरू में 5 साल की अवधि के लिए कुल लागत का शेष 10% वहन करेगी। यह समझौता ज्ञापन के सहमत नियमों और शर्तों के अनुसार क्रमशः भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा वित्त पोषण के 90:10 अनुपात के साथ 5 वर्षों से आगे भी जारी रहेगा।

एसटीपीएफ के निर्माण से विभाग के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा मिलने और राज्य के संरक्षित क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए अग्रिम पंक्ति के बल को मजबूत होने की उम्मीद है।

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