अरुणाचल में एक खास अभियान ताकि बची रहे बेजुबानो की जान

अरुणाचल प्रदेश के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए एक खास अभियान चलाया। दो दिन तक चले इस अभियान में बेजुबानो की तस्करी से निपटने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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अरूणाचल
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अरुणाचल प्रदेश के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए एक खास अभियान चलाया। दो दिन तक चले इस अभियान में बेजुबानो की तस्करी से निपटने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। वन्यजीव संरक्षण सोसायटी-भारत (WCS-भारत) के सहयोग से वन विभाग के साथ साथ इटानगर के डोनी पोलो हवाई अड्डे के अधिकारियों को भी खास प्रशिक्षण दिए गए।

अरुणाचल में अभियान का था ये उद्देश्य

अरुणाचल में म्यामांर और चीन जैसे सीमा के पास होने की वजह से वन्य जीवों पर तस्करी का खतरा मंडराता रहता है। कई मामलो में देश के दूसरे भागों में भी यहां से वन्य जीवों को तस्करी कर ले जाने का प्रयास किया जाता रहा है। इसके पहले अरुणाचल वन विभाग ने नामसाई जिले के 70 ग्राम प्रधानों को वन्य जीवों की रक्षा और उन्हें तस्करी से बचाने के लिए विशेष रूप से जागरूक किया गया था।

ताजा अभियान में अरुणाचल प्रदेश के संरक्षित और प्रादेशिक वन प्रभागों के क्षेत्रीय कर्मचारियों और होलोंगी के डोनी-पोलो हवाई अड्डे के अधिकारियों के लिए वन्यजीव तस्करी से निपटने पर 2 (दो) दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य डोनी-पोलो हवाई अड्डे के अग्रिम पंक्ति के अधिकारियों और अधिकारियों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाना था ताकि अवैध वन्यजीव व्यापार से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

अवैध वन्हय जीव व्यापार हमारी जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है। कार्यक्रम में वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में नवीनतम संशोधनों के संबंध में तस्करी की गई प्रजातियों की पहचान और वन्यजीव व्यापार से संबंधित कानूनी ढांचे सहित विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया। दो दिवसीय प्रशिक्षण ने केस स्टडी और व्यावहारिक सत्रों के माध्यम से वन्यजीव तस्करी से निपटने के लिए आवश्यक प्रमुख कौशल को बढ़ाने में फील्ड स्टाफ को काफी लाभान्वित किया, जिसमें अवैध वन्यजीव व्यापार में आवश्यक साक्ष्य संग्रह और कानूनी दस्तावेज तैयार करने के सर्वोत्तम तरीकों पर चर्चा की गई।

कुल 39 प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण में भाग लिया, जिसमें पीसीसीएफ और वन बल के प्रमुख पी. सुब्रमण्यम और श्री एन. टैम पीसीसीएफ (डब्ल्यूएलएंडबीडी) और मुख्य वन्यजीव वार्डन सहित अन्कीय वरिष्ठ वन्य अधिकारियों की उपस्थिति रही।

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