अपराध की एक दर्दनाक सत्य कथा, पिता ने क्यों मारा नवजात बच्चियों को, खड़े हो जाएंगे रोंगटे

अपराध की एक ऐसी सत्य कथा आपको बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आपको रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यह सत्य कथा कहीं औऱ की नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली की है।

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अपराध की एक ऐसी सत्य कथा आपको बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आपको रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यह सत्य कथा कहीं औऱ की नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली की है। इस वारदात ने फिर से जता दिया है कि दूर दराज के गांवो में ही नहीं दिल्ली और उससे सटे इलाको में आज भी लोग बेटियों को नापसंद करते हैं। इस मामले में तो बेटियों से नाखुश पिता ने नवजात बच्चियों की हत्या कर शव भी दफना दिया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस दरिंदे पिता को दबोच लिया है।

अपराध की शुरूआत

रोहतक निवासी पूजा सोलंकी की शादी फरवरी 2022 में नीरज सोलंकी से हुई थी। नीरज वैसे तो दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट तक पढ़ा हुआ था। मगर रोजी रोटी के नाम पर वह पिता की संपत्ति से मिलने वाले किराए पर ही निर्भर था। पति पत्नी रोहतक में ही रहते थे। 30 मई 2024 को पूजा ने रोहतक के अस्पताल में जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। अपराध करने के बाद वह एक माह से फरार था।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक 3 जून को सुल्तानपुरी पुलिस को कॉल करने वाले ने जीजा पर 3 दिन की जुड़वां बच्चियों को मारकर श्मशान में दफनाने का आरोप लगाया था। इस सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस एसडीएम की परमिशन के बाद दफनाए शवों का पोस्टमार्टम करवाया। इस मामले में बच्चियों की मां ने ससुराल वालों और पति के खिलाफ मामला दर्ज करवा कर कत्ल का आरोप लगाया था। मां का आरोप था कि ससुराल वाले बेटियों के जन्म से नाखुश थे।

मां की इस शिकायत पर बच्चियों के दादा को उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया मगर नीरज सोलंकी फरार था। डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक फरार नीरज को दबोचने के लिए क्राइम ब्रांच की एनडीआर यूनिट में तैनात इंस्पेक्टर योगेश, विनोद यादव, एसआई दीपेन्द्र, देवी दयाल, इमरान और हेडकांस्टेबल परमानंद की टीम को जिम्मेवारी दी गई थी। एसीपी उमेश वर्थवाल की देखरेख में एसआई दीपेन्द्र, इमरान खाम, गुरमीत सिंह, देवी दयाल, एएसआई उमरदीन, हेडकांस्टेबल परमानंद, आशीष, राम नरेश, राजबीर और कांस्टेबल कुलदीप की टीम ने नीरज सोलंकी को रोहता के सांपला से गिरफ्तार कर लिया।

ऐसे दिया अंजाम

बच्चियों की मां पूजा ने शिकायत में आरोप लगाया कि 1 जून को वह बच्चियों के साथ अस्पताल से डिस्चार्ज हुई। पिता नीरज बच्चियों को लेकर दूसरी कार में बैठ गया। पूछे जाने पर उसने पीछे पीछे आने की बात कही। इसके बाद उसने पूजा के भाई का फोन उठाना भी बंद कर दिया। बच्चियों के साथ वह दिल्ली पूठकलां पहुंच गया जहां 2 जून को बच्चियों की हत्या कर उसके शव को दफना दिया। दफनाते समय उसके पिता भी साथ थे। नीरज ने पुलिस को बताया है कि वह बेटा चाहता था इसलिए बेटियों की हत्या कर दी।

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