यह कहानी दिल्ली के मिस्टर ‘ए’ की है, जिन्होंने खुशी की तलाश में एक लोकप्रिय डेटिंग ऐप “Happn” का सहारा लिया। उन्हें एक लड़की का नंबर मिला, बातचीत शुरू हुई और जल्द ही भरोसा गहरे रिश्ते में बदल गया। लड़की ने खुद को ‘Echem’ नामक एक ब्यूटी-प्रोडक्ट्स कंपनी की कर्मचारी बताया—सब कुछ बहुत प्रोफेशनल और आकर्षक लग रहा था।
यहीं से शुरू हुआ असली खेल…
तेल का लालच और हाई रिटर्न का झाँसा
विश्वास जीतने के बाद, उस महिला ने मिस्टर ‘ए’ को एक “गोल्डन बिज़नेस अपॉर्चुनिटी” का लालच दिया। उसने बताया कि असम में एक दुर्लभ तेल (Rare Oil) मिलता है, जिसे ₹2 लाख प्रति लीटर में खरीदकर ₹3.5 लाख में बेचा जा सकता है—पलक झपकते ही मुनाफा!
मिस्टर ‘ए’ उस सुनहरे रिटर्न के झाँसे में आ गए। उन्होंने तुरंत महिला द्वारा बताए गए अलग-अलग बैंक खातों में ₹1,90,000 ट्रांसफर कर दिए।
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पैसे मिलते ही क्या हुआ? अगले ही पल, महिला ने मिस्टर ‘ए’ को हर जगह से ब्लॉक कर दिया और वह हवा में गायब हो गई। पूरा तेल व्यापार, ब्यूटी कंपनी की नौकरी, और मीठी बातें—सब कुछ एक मनगढ़ंत कहानी निकली।
फ्राड होने पर शिकायत करेंः https://cyberpolice.nic.in/
दिखा रोमांस, निकला उगांडा कनेक्शन
ठगी का शिकार होने के बाद, मिस्टर ‘ए’ ने तुरंत NCRP पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई। साउथ-वेस्ट डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक जिले की साइबर पुलिस स्टेशन टीम (इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक के नेतृत्व में) हरकत में आई। यह सिर्फ एक धोखाधड़ी नहीं थी; यह रोमांस और इन्वेस्टमेंट फ्रॉड का एक संगठित सिंडिकेट था।
साइबर पुलिस टीम ने तुरंत डिजिटल फुटप्रिंट एनालिसिस और मनी-ट्रेल मैपिंग शुरू की। दिल्ली-एनसीआर में कई जगह छापेमारी की गई, लेकिन शातिर अपराधी बार-बार अपनी जगह बदल रहे थे।
आखिरकार, लगातार तकनीकी निगरानी के बाद, टीम ने 38 वर्षीय एक कुख्यात विदेशी नागरिक माइकल ईगा (Michael Iga) को बुराड़ी से धर दबोचा। माइकल, जो उगांडा का नागरिक है, अवैध रूप से दिल्ली में रह रहा था।
मोडस ऑपरेंडी: गर्लफ्रेंड की फोटो, फर्जी प्रोफाइल
पूछताछ में माइकल ईगा ने जो खुलासा किया, वह चौंकाने वाला था:
- गर्लफ्रेंड की फोटो का इस्तेमाल: वह डेटिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी महिला प्रोफाइल बनाने के लिए अपनी गर्लफ्रेंड की तस्वीरों का इस्तेमाल करता था।
- विश्वास का जाल: एक बार जब शिकार उसके जाल में फंस जाता था, तो वह भावनात्मक रूप से हेरफेर करके उन्हें निवेश की फर्जी कहानियों में फंसाता था।
- संगठित गिरोह: उसके पास से ₹22,500 नकद, 4 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, और 6 डेबिट कार्ड बरामद किए गए। इन सभी का इस्तेमाल ठगी गई रकम को प्राप्त करने और घुमाने के लिए किया जाता था।
जांच में पता चला कि माइकल ईगा पहले से ही NCRP पोर्टल से जुड़े 14 अन्य साइबर धोखाधड़ी मामलों में शामिल था।










