केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र-V के तहत, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को निशाना बनाकर एक परिष्कृत तकनीकी सहायता घोटाला चलाने वाले एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस सिलिसिले में नोएडा से फर्स्टआइडिया के पार्टन को गिरफ्तार किया गया है।
सीबीआई ने नोएडा में की छापेमारी
एक समन्वित ऑपरेशन में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नोएडा में तीन स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें नोएडा विशेष आर्थिक क्षेत्र से संचालित एक पूरी तरह से कार्यात्मक धोखाधड़ी कॉल सेंटर भी शामिल था। छापे के दौरान चल रही लाइव घोटाले की कॉल का पता चला।
खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, सीबीआई ने सिंडिकेट की जांच के लिए मामला दर्ज किया था । इसके मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट सहित प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों के तकनीकी सहायता कर्मचारियों के रूप में पेश आया था। धोखेबाज विदेशी नागरिकों को उनके उपकरणों के साथ छेड़छाड़ का झूठा दावा करके धोखा दे रहे थे, और गैर-मौजूद तकनीकी मुद्दों को हल करने की आड़ में पैसे ऐंठ रहे थे।
मामला दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई), राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (यूके) और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर सिंडिकेट के संचालन और स्थानों का पता लगाया। तलाशी के दौरान, सीबीआई ने व्यापक साक्ष्य जब्त किए, जिसमें उन्नत कॉलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, पीड़ितों को धोखा देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दुर्भावनापूर्ण स्क्रिप्ट और धोखाधड़ी और जबरन वसूली के पैमाने को उजागर करने वाले दस्तावेज शामिल थे।
फर्स्टआइडिया नाम से संचालित सिंडिकेट का कॉल सेंटर तकनीकी रूप से परिष्कृत पाया गया, जिससे सीमा पार गुमनामी और बड़े पैमाने पर पीड़ितों को निशाना बनाना संभव हो गया। फर्स्टआइडिया के मुख्य संचालक, भागीदार निशांत वालिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है । ऑपरेशन चक्र-V और इसी तरह की पहलों के माध्यम से, ब्यूरो सीमा पार सक्रिय साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
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