यूं सुलझी वसंत कुंज हत्या की गुत्थी, देखें सीसीटीवी

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। सात जून को जब वसंत कुंज के एक प्लाट पर 30-35 साल के नेपाली युवक की खून से लथपथ लाश मिली थी तब मौके पर पहुंचे एसीपी रमेश कुमार या एसएचओ संजीव कुमार को नहीं मालूम था कि हत्या का यह मामला बिल्कुल ब्लाइंड होगा। लेकिन मामले की जांच शुरू करते ही पुलिस को ये समझ आ गया कि हत्या का ये मामला बिल्कुल ब्लाइंड है। मौके पर मिली लाश से लेकर हरेक चीज किसी भी तरह की सुराग देने से मना कर रही थी। ऐसे में लाश के पास से मिली शराब की बोतल का बार कोड पुलिस के लिए आशा की किरण बनी औऱ आखिरकार काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने इस मामले को सुलझा लिया।

साउथ-वेस्ट जिला पुलिस उपायुक्त देवेन्द्र आर्या ने बताया कि गत 7 जून को वसंत कुंज इलाके के एक फॉर्म में एक 30-35 साल के युवक की खून से लथपथ हालत में लाश होने की सूचना मिली थी।
मौके पर पहुंची पुलिस को लाश के पास ही खून से सने पत्थर और ईंट भी पड़े हुए थे। साथ ही पास में शराब की बोतलें भी पड़ी हुई थी। पुलिस ने शव की पहचान के लिए उसे शवगृह भेज दिया और छानबीन शुरु कर दी। एसीपी रमेश कुमार की निगरानी और इंस्पेक्टर संजीव कुमार के नेतृत्व में एसआई रोहित कुमार, संदीप शर्मा, सुभाष, भगवान सिंह, संदीप सुथर, एएसआई विजेन्दर सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने आरोपी की तलाश शुरु की। 
इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने के​ लिए पुलिस के पास कोई खास सुराग नहीं था। शव के पास से पुलिस को सुराग के तौर पर सिर्फ शराब की बोतलें मिली थीं। पुलिस ने शराब के बोतल के बारकोड से पता लगाया कि उक्त बोतल को वसंतकुंज के डीडीए मार्केट स्थित दुकान से खरीदी गई थी। 


पुलिस उस दुकान तक पहुंची और उसका सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो मृतक के साथ एक शख्स फुटेज में नजर आया। कई ऑटो चालक से पूछताछ, 22 हजार से ज्यादा मोबाइल नंबरों की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी को एक शराब की दुकान के पास ट्रेस कर उसे दबोच लिया।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि मृतक के साथ शराब पीने के दौरान उनका किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसी बीच गत 23 जुलाई को मृतक के रिश्तेदार ने उसकी पहचान नेपाल निवासी किशन कर्की (30) के तौर पर कर ली थी।

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