पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने यूं बदल दी एक लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की जिंदगी

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली पुलिस की पश्चिम जिला पुलिस की कोशिश ने करीब डेढ़ लाख छात्र-छात्राओं का जीवन बदल दिया है। इन्हें सशक्ति योजना, निर्भिक योजना और पीएम कौशल विकास योजना के तहत रक्षा से लेकर रोजगार तक की ट्रेनिंग दी गई है। इनमें से कईयों को बहुराष्ट्रीय कंपनियो में नौकरी भी मिल चुकी है।

प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं के लिए पुलिस सप्ताह के अंतर्गत मंगलवार को एक समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में ज्वायंट सीपी शालिनी सिंह और डीसीपी दीपक पुरोहित ने उस बहादुर महिला प्रियंका सिंह को पश्चिमी दिल्ली की वीरांगना पुरस्कार से सम्मानित किया। गौरतलब है कि पिछले साल 19 अगस्त को बाइक पर सवार तीन बदमाशों ने प्रियंका का चेन छीन लिया था। लेकिन उन्होंने साहस दिखाते हुए इनमें से एक बदमाश को मौके पर ही दबोच लिया।
पुलिस के मुताबिक सशक्ति योजना के तहत अब तक 41 हजार स्कूली छात्राओं और 2813 कॉलेज छात्राओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसी तरह 103720 स्कूली छात्रों को निर्भिक योजना और 1580 युवाओं जिनमें 709 युवतियां शामिल हैं को पीएम कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित किया जा चुका है। जनकपुरी के सूरजमल इंस्टीट्यूट में आयोजित समारोह में संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह, पश्चिमी दिल्ली पुलिस उपायुक्त दीपक पुरोहित और क्षेत्र के सभी एसीपी एसएचओ के अलावा 1000 छात्रों ने भी हिस्सा लिया।


मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित और पांच सर्वोच्च सशक्ति उम्मीदवारों को हल्दीराम, मूलचंद अस्पताल और लेंस कार्ट जैसी कंपनियों में नौकरी दिलाई जा चुकी है।


समारोह में छात्रों ने एसिड हमले और पुलिस की हिम्मत प्लस एप्प पर आधारित नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया। समारोह की मुख्य अतिथि ज्वायंट सीपी शालिनी सिंह ने पुलिस के किए गए प्रयासों की सराहना की। डीसीपी दीपक पुरोहित ने महिला सशक्तिकरण को महिलाओं की रक्षा के साथ साथ उनके सम्मान के लिए भी आवश्यक बताया।

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