Income Tax Raid-बीबीसी मामले के बाद से आयकर सर्वे चर्च में है। आइए आपको बताते हैं की आयकर सर्वे क्या होता है और कैसे यह आयकर छापे से अलग है।
Income Tax Raid Details in Hindi
अभी क्या हुआ है?
मंगलवार को बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों पर आयकर विभाग ने सर्वे किया है। आयकर विभाग ने कार्रवाई के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया है। बीबीसी पर आरोप है कि इसने ट्रांसफर प्राइसिंग रूल्स का जानबूझकर उल्लंघन किया और इसके मुनाफों में बड़े पैमाने पर बदलाव भी किए। एजेंसी का कहना है कि बीबीसी कई वर्षों से इन नियमों का पालन नहीं कर रहा है जिसको लेकर उसको कई नोटिस भी जारी किए गए हैं। इन सबके बावजूद बीबीसी ने यह उल्लंघन जारी रखा।
आयकर विभाग का सर्वे क्या होता है?
आयकर विभाग के अधिकारी छिपी या अघोषित आय और संपत्ति का पता लगाने के लिए सर्वे करते हैं। कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य सूचनाएं इकट्ठा करना होता है। आयकर विभाग को सर्वे की यह शक्ति आयकर अधिनियम की धारा 133ए से मिलती है। सर्वे में यह भी पता लगाया जाता है कि किसी व्यक्ति या व्यवसाय ने अपने खातों की पुस्तकों को ठीक से बनाए रखा है या नहीं।सर्वे और छापेमारी दोनों अलग-अलग कार्रवाईयां होती हैं। सर्वे तलाशी अभियान का एक हल्का रूप है। सर्वे का मुख्य उद्देश्य जानकारी प्राप्त करना होता है। तलाशी और छापेमारी के दौरान, सामान्यतः अघोषित संपत्ति और इसके लेनदेन से संबंधित रिकॉर्ड का पता लगाया जाता है।
सर्वे, काम करने वाले घंटों (बिजनेस आवर्स) के दौरान किए जा सकते हैं जबकि छापेमारी के लिए कोई समय निश्चित नहीं होता है। छापेमारी के दौरान अघोषित संपत्ति को जब्त करने की अनुमति होती है। असहयोग की स्थिति में अधिकारी कोई भी दरवाजा या खिड़की तोड़ सकते हैं लेकिन सर्वे के दौरान ऐसा कुछ नहीं किया जा सकता है। पूरी प्रक्रिया के लिए पुलिस अधिकारियों या केंद्र सरकार के किसी अन्य अधिकारी की मदद ली जा सकती है। सर्वे केवल कारोबारी दफ्तर पर हो सकता है। तलाशी अभियान में ऐसी कोई मनाही नहीं होती है।
2002 के वित्त अधिनियम से पहले, अधिकारियों के पास सर्वे के दौरान किसी भी संपत्ति को जब्त करने की शक्ति नहीं थी। हालांकि, नए नियमों के मुताबिक, कारण बताकर अधिकारी सर्वे की गई पुस्तकों और दस्तावेजों को जब्त कर सकते हैं।