नई दिल्ली, इंडिया विस्ताऱ । मंगलवार की रात सीआरपीएफ के 50 कर्मियों ने उतर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर जीटीबी अस्पताल में अपना खूून दिया था। ताकि इलाज को दौरान खून की कमी ना हो। इंसानियत के लिए सीआरपीएफ का यह प्रयास दिल्ली तक सीमित नहीं रहा गुरुवार को छतीसगढ़ में सीआरपीएफ की वजह से एक घायल आदमी की जान बच गई। शख्स ताड़ी के पेड़ से गिर पड़ा था। उसके सिर और पीठ में गहरी चोट आई थी। सीआरपीएफ की इस सक्रियता से ग्रामीण गद्गगद् हो गए।
छतीसगढ़ में बचाई जान
जानकारी के मुताबिक गुरूवार की सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे छतीसगढ़ के बासागुड़ा गांव निवासी 38 साल के सोमा शमला को लेकर सीआरपीएफ कोबरा 204 के पेगरापली कैंप पर पहुंचे। सोमा गंभीर रूप से घायल था। उसकी गंभीर हालत को देख डिप्टी कमांडेंट ओंकार सिंह ने आनन फानन में उसे बल की गाड़ी में बासागुड़ा स्थित बेस अस्पताल रवाना किया। इसके साथ ही बासागुड़ा में मौजूद कोबरा की दूसरी टीम के सहायक कमाडेंट महेन्द्र ने फील्ड अस्पताल को तुरंत अलर्ट किया। अस्पताल में आनन फानन में मूल चिकित्सा उपलब्ध कराई गई जिसके बाद उसे बीजापुर अस्पताल भेजा गया। घायल सोमा के साथ आए ग्रामीण सीआपरीएफ की इस तत्परता से काफी अभीभूत थे।
दिल्ली में सीआरपीएफ ने किया ये काम
मंगलवार की देर रात सीआरपीएफ के करीब 50 जवान जीटीबी अस्पताल पहुंचे। इन जवानो ने स्वेच्छा से रक्त दान किया। मकसद दिल्ली में हुई हिंसा में घायल लोगों को इलाज के वक्त खून की कमी ना हो। इन जवानो ने अस्पताल को और खून देने का आश्वासन भी दिया। गुरुवार को एम्स की तरफ से आयोजित रक्त महादान में सीआरपीएफ के 500 अधिकारी और जवानो ने रक्त दान किया। पिछले साल सीआरपीएफ ने 154 ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किए थे।
सीआईएसएफ ने भी दिया ब्लड
एम्स में आयोजित रक्त महादान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ के महानिदेश राजेश रंजन सहित करीब 400 से ज्यादा लोगों ने रक्त दान दिया।