पांच राज्यों में कारतूस की कालाबाजारी- बाप-बेटे सहित 3 गिरफ्तार, 1250 कारतूस बरामद

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पांच राज्योंं में कारतूस का गैरकानूनी कारोबार करने वाले बाप बेटे सहित तीन को गिरफ्तार किया है। कारतूस की कालाबाजारी में लिप्त पिता का पहले शस्त्र बेचने की लाइसेंसी दुकान थी। लेकिन क्रिमिनल केस दर्ज होने के बाद लाइसेंस कैंसिल हुई तो नकली जेवरात की दुकान खोल ली और जब वो भी ना चला सका तो कारतूस की कालाबाजारी करने लगा। इस धंधे में उसने अपने आईटीआई डिप्लोमा होल्डर बड़े बेटे को भी शामिल कर लिया। पकड़े गए पिता की पहचान प्रवीण कुमार औफ बेटे की पहचान प्रतीक के रूप में और उनके साथ गिरफ्तार होने वाले रिसीवर की पहचान सोनू सिंह के रूप में हुई है। कारतूस कालाबाजारी का यह सिंडिकेट बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली एनसीआर में कारतूसों का सप्लाई करता था।

स्पेशल सेल के डीसीपी मनीषी चंद्रा के मुताबिक आरोपियों को आश्रम मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया। उनसे 800 कारतूस .315 बोर के बरामद हुए साथ ही शेब्रोलेट कार और मचरसाइकिल को भी जब्त किया गया। पूछताछ के बाद प्रवीण के घर शिकोहाबाद में पुलिस ने छापा मारा तो वहां से 7.65 एमएम के 450 कारतूस बरामद हुए। पुलिस के मुताबिक प्रवीण की शिकोहाबाद में गनशॉप थी। 2007 में उसकी लाइसेंस रद्द हो गई जिसके बाद वह कारतूस का कालाबाजारी करने लगा।

पुलिस के मुताबिक 7 जुलाई को सूचना मिली कि प्रवीण अपने साथी के साथ कार में आश्रम मेट्रो स्टेशन के पास आएगा सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर रविन्द्र त्यागी और अजय कुमार की टीम ने जाल बिछाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके मिली सूचना के आधार पर शिकोहाबाद में भी छापा मारा गया। पूछताछ में प्रवीण ने बताया कि शस्त्र दुकान का लाइसेंस रद्द होने के बाद उसने कृत्रिम जेवरातों की दुकान भी खोली थी लेकिन वह नहीं चली इसके बाद उसने एक कार औऱ मोटरसाइकिल खरीदी और मैनपुरी, एटा, इटावा आदि जगहों से शस्त्र दुकानदारों से मिलीभगत कर कारतूस खरीदने लगा औऱ उन्हें 200-400 के फायदे पर बेचने लगा। सोनू सिंह उसके कैरियर के रूप में काम करता था। यह सिंडिकेट हर महीने 3500-4000 कारतूस सप्लाई कर देते थे।

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