वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे दिल्ली और भारत के अन्य इलाके अब वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान लगा सकेंगे..पर्यावरण मंत्रालय के तहत विकसित किए गए एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम से वायु प्रदूषण के खतरे का पता चल सकेगा..सोमवार को पर्यावरण मंत्रालय ने इस सिस्टम को लांच किया.. देशभर में वायु प्रदूषण गंभीर समस्या बनता जा रहा है खासकर राजधानी दिल्ली इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है.. बरसात के बाद और सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले यह समस्या और बढ़ जाती है.. केंद्र सरकार समय-समय पर प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने का दावा करती रहती है और इसी कड़ी में उसने एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली को विकसित किया है..इस सिस्टम के जरिए 3 दिन पहले पता लग जाएगा संबंधित एजेंसियों को कि प्रदूषण का स्तर क्या रहेगा और किस वजह से वायु प्रदूषण फैल रहा है.. पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत इस सिस्टम को विकसित किया गया है
भारत सरकार से तीन संस्थानों भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे, भारत मौसम विज्ञान विभाग के लघु अवधि एवं राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र के साइंटिस्ट ने इस सिस्टम को डेवलप किया है जिससे वायु प्रदूषण की तीन दिन पहले लोगों को चेतावनी मिले..इसके अलावा अमेरिकन और फिनलैंड की तकनीक का भी प्रयोग इस प्रणाली में किया गया है.. मिसाल के तौर पर खाड़ी के देशों में रेतीला तूफान उठा है और तीन दिन बाद तूफान की संभावना है या फिर प्रदूषण स्तर बढ़ने की.. तो इस सिस्टम के जरिए लोगों को पहले सूचना देने की कोशिश की जाएगी कि कब ये हवा दिल्ली आएगी उस वक्त प्रदूषण का स्तर कितना होगा..
इस सिस्टम के जरिए तीन से पांच दिन पहले तक पीएम कंसनट्रेशन की सूचना संबधित एजेंसियों को मिलने लगेगी, ऐसी ही क्राप बर्निंग की जानकारी मिलेगी, डस्ट की जानकारी भी इससे जुटाई जाएगी.. नासा सेटेलाइट और जापानी सेटेलाइल इस सिस्टम के उपयोग में लाई जा रही हैं जिसके जरिए आधे घंटे और एक दिन में इन दोनों सिस्टम के जरिए जानकारी मिलती रहेगी.. पिछले साल सरकार ने रियल टाइम एयर क्वालिटी मानिटरिंग सिस्टम की भी शुरुआत की थी जिससे मौजूदा वक्त का वायु प्रदूषण स्तर पता लग सकता था..और पहली बार वायु प्रदूषण के पूर्वानुमान के सिस्टम का इजाद किया गया है.. इसके अलावा सरकार ने ये भी दावा किया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आई है और उसके प्रयास इस दिशा में लगातार जारी रहेंगे..पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक इस साल पंजाब में ७५ फीसदी और हरियाणा में ४० फीसदी क्राप बर्निंग कम हुई है..दिल्ली के बाद इस सिस्टम को देश के अन्य हिस्सों में भी शुरू करने की सरकार की योजना है