मेतिहारी रेलवे यार्ड की कहानी का विलेन पहुंचा दिल्ली फिर क्या हुआ जानिए पूरी कहानी, देखिए वीडियो

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। रेलवे में मजदूरों को काम दिलाने का ठेका बदस्तूर जारी है। यह काम इतना बड़ा

हो गया है कि इस पर कब्जा जमाने के लिए हत्याएं भी हो रही हैं। ऐसे ही एक मामले में बिहार के मोतिहारी

में एक गैंगस्टर और उसके सथियों ने दूसरे ठेकेदार और उसके साथियों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इस

गोलीबारी में एक की मौत हो गई। इसके बाद ये गैंगस्टर दिल्ली भाग आए। यहां आकर ये फोन से गोलीबारी

के गवाह को धमकाने लगे।

मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के पास पहुंचा। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एसओएस-1 की

टीम ने इस गैंगस्टर औऱ उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।

पकड़े गए गैंगस्टर और उसके साथियों की पहचान राजन साहनी, लक्ष्मी साहनी और सोनू गुप्ता के रूप में हुई है।

पुलिस के मुताबिक 3 अक्टूबर को बिहार पुलिस ने क्राइम ब्रांच के साथ सूचना साझा की थी। इसके मुताबिक

गैंग लीडर दिल्ली से फोन कर एक गवाह को धमकी दे रहा था। गैंग लीडर राजन साहनी पर बिहार पुलिस ने

पहले ही 50 हजार के इनाम की घोषणा की थी। मामले की सूचना मिलते ही एसीपी अरविंद यादव की देखरेख

में इंस्पेक्टर विजय समारिया के नेतृत्व में एसआई प्रवीण अत्री, हेडकांस्टेबल संदीप डबास, दिनेश, विनय कुमार,

कांस्टेबल सत्यप्रकाश. योगेन्द्र और विक्रम की टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने तकनिकी सर्विलांस के जरिए पता

लगाया कि राजन साहनी महिपालपुर में छिपा हुआ है। इस बीच मोतिहारी सदर के एसएचओ भी दिल्ली पहुंच गए।

5 अक्टूबर की सुबह 6 बजे जाल बिछाकर राजन औऱ उसके साथी लक्ष्मी और सोनू गो गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस के मुताबिक लक्षमी साहनी मोतिहारी रेलवे यार्ड में मजदूरों को उपलब्ध करवाने का काम करता था।

यह काम मोतिहारी का एक मुखिया भी करने लगा। लेकिन लक्ष्मी साहनी इस कारोबार पर एकछत्र राज चाहता था। इसलिए उसने राजन के साथ मिलकर मुखिया को रास्ते से हटाने का फैसला किया। 4 जुलाई 2020 को राजन,

सोनू और लक्ष्मी ने मिलकर मुखिया और उसके साथियों पर गोलीबारी की। इस गोलीबारी में मुखिया मारा गया

जबकि उसके दो साथी घायल हो गए। इसके बाद तीनो दिल्ली भाग आए। इसके पहले जून महीने में भी तीनो ने

जमीन कब्जाने को लेकर गोलीबारी की थी।  राजन के खिलाफ 15 मामले दर्ज हैं। वह मोतिहारी का कुख्यात बदमाश है।

लक्षमी ग्रेजुएट है और उसका ट्रांसपोर्ट का अच्छा खासा कारोबार है। हाल ही में उसने रेलवे यार्ड में मजदूर सप्लाई का काम शुरू किया था और इस पर कब्जा जमाना चाहता था। सोनू गुप्ता हट्टा कट्टा है। इसलिए लक्ष्मी उसे अपने मसलमैन की तरह इस्तेमाल करता था।

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