प्रतिबंधित नशीली दवा की ऐसे कर रहे थे सप्लाई दिल्ली के फार्मा कंपनी और फार्मेसी के मालिक, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ऐसे किया खुलासा

दिल्ली में प्रतिबंधित दवा सप्लाई के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस सिलसिले में फार्मा कंपनी और फार्मेसी मालिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने एक करोड़ रुपये कीमत की नशीली गोलियां और इंजेक्शन जब्त किया है।

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प्रतिबंधित नशीली दवा
प्रतिबंधित नशीली दवा

दिल्ली में प्रतिबंधित नशीली दवा सप्लाई के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस सिलसिले में फार्मा कंपनी और फार्मेसी मालिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने एक करोड़ रुपये कीमत की नशीली गोलियां और इंजेक्शन जब्त किया है। आरोपियों की चार करोड़ रुपये कीमत की चार संपत्तियां भी चिन्हित की गई हैं। पुलिस के मुताबिक ड्रग सिंडिकेट का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ था।

प्रतिबंधित नशीली दवा सप्लाई का सिंडिकेट

क्राइम ब्रांच नारकोटिक्स सेल के डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक एक गुप्त सूचना के आधार पर सबसे पहले 26 अक्टूबर को एसीपी अनिल शर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर पंकज कुमार की टीम ने दिल्ली के महरौली बदरपुर रोड पर बत्रा अस्पताल के पास से चंदन कुमार राउत नामक शख्स को दबोचा। उसके पास से 6.792 किलोग्राम ट्रामाडोल टैबलेट मिली। पुलिस को पता चला कि चंदन प्रतिबंधित ट्रामाडोल गोलियों का कारोबार करता था।

उससे पूछताछ और जांच के बाद दिल्ली के ओखला में शिवा फार्मा के मालिक अरविंद सिंह की पहचान राउत के आपूर्तिकर्ता के रूप में हुई। ड्रग इंस्पेक्टर के समन्वय में शिवा फार्मा में आगे की तलाशी से महत्वपूर्ण सुराग मिले। अरविंद सिंह ने कई आपूर्तिकर्ताओं से प्रतिबंधित पदार्थ मंगाने और इसे काले बाजार में बेचने की बात स्वीकार की। दिल्ली के एकता विहार से जुड़े परशुराम को अरविंद सिंह का खरीदार पाया गया, साथ ही वह अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए आपूर्तिकर्ता भी था।

उसके घर की तलाशी में 1,935 कैप्सूल और टैबलेट जिसमें ट्रामाडोल (1,147 ग्राम) था, 615 अल्प्राजोलम की गोलियाँ (93 ग्राम) 62 पेंटाज़ोसीन एम्पुल्स (62 मिली)
लाजपत नगर में हेल्दी लाइफ़ फ़ार्मेसी के मालिक सुशांत गर्ग की पहचान एक वितरक के रूप में हुई, जो अफ़गानिस्तान और जम्मू-कश्मीर के उपभोक्ताओं को प्रतिबंधित कोडीन सिरप की आपूर्ति करता था। उसने सिरप को फिर से पैक करके डिलीवरी सेवा के ज़रिए थोक में पहुँचाने की बात स्वीकार की। इन तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपी चंदन कुमार राउत मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। आरोपी चंदन कुमार राउत ने 5वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वह पिछले 10 वर्षों से विभिन्न केमिस्ट शॉप पर काम करता था, जिसके दौरान उसने दवाओं के थोक वितरकों के संपर्क बनाए। वर्तमान में, वह भारी मात्रा में अवैध रूप से एनआरएक्स दवाओं के बीच अलग-अलग दवाएं बेच रहा था। अरविंद सिंह भी मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। उसने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वह ओखला, औद्योगिक क्षेत्र में स्थित शिवा फार्मा का मालिक है।

अरविंद पिछले पांच वर्षों से दवाओं का लाइसेंस प्राप्त थोक वितरक है। वह वर्तमान में अपने खरीदारों को भारी मात्रा में अवैध रूप से एनआरएक्स दवाएं बेच रहा था। सिंडिकेट में शामिल परशुराम बिहार का रहने वाला है। उसने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वह अरविंद सिंह का रिसीवर है, जो अपने विभिन्न रिसीवरों को अवैध रूप से एनआरएक्स दवाएं आपूर्ति करता है।

सुशांत गर्ग अफगान और जम्मू काश्मीर के ग्राहकों को प्रतिबंधित कोडीन सिरप वितरित करता था। सुशांत ने बी. फार्मा की पढ़ाई पूरी की है और वर्तमान में दिल्ली के लाजपत नगर में हेल्दी लाइफ फार्मेसी के नाम से एक केमिस्ट शॉप चलाता है। वह आरोपी चंदन कुमार राउत से अवैध रूप से खरीदी गई एनआरएक्स दवाओं का रिसीवर था। वह कोडीन सिरप और ट्रामाडोल जैसी एनआरएक्स दवाइयों को उपभोक्ताओं, ज्यादातर कश्मीरियों को बेचता है।

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