ऑटो वाला यह गैंग दिल्ली एनसीआर में मोबाइल फोन पर हाथ साफ करता है। साउथ दिल्ली पुलिस स्पेशल स्टाफ ने इस गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक इस गैंग का एक बदमाश दुर्घटना की वजह से दिव्यांग हो गया। वह इसी का लाभ उठा कर लोगों की संदेह से बचता है। पुलिस ने गैंग के पास से एक दर्जन मोबाइल फोन बरामद किया है। आइए जानते हैं यह गैंग कैसे वारदात को अंजाम देता था।
ऑटो वाला गैंग बस स्टैंड पर ऐसे बनाता था शिकार
साउथ दिल्ली डीसीपी अंकित चौहान के मुताबिक एसीपी अभिनेंद्र जैन की देखरेख और इंस्पेक्टर गिरीश चंद्र के नेतृत्व में एसआई जोगिन्दर सिंह, एएसआई अनिल कुमार, अशोक कुमार, हेडकांस्टेबल अमित पाल, कर्मवीर, यशपाल, अनुप और कांस्टेबल खोईचुंग की टीम ने इस गैंग को दबोचा है। इन्हें साकेत में पुष्प विहार सेक्टर 4 के नाला रोड से पकड़ा गया उस समय ये ऑटो से कहीं जा रहे थे।
पुलिस को इनके पास से 12 मोबाइल फोन बरामद हुए। पूछताछ करने पर ये कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। जांच में फोन चोरी के निकले। पकड़े गए बदमाशों की पहचान अरमान, मो. वाशिद उर्फ वाशिद, सोनू उर्फ मो. दिलशाद और इस्माइल उर्फ लंगड़ा के रूप में हुई। पूछताछ में इन्होंने वारदात को अंजाम देने का तरीका बताया। इनके मुताबिक ये ऑटो में सवार होकर पीक आवर में निकला करते थे।
पुलिस के मुताबिक अरमान गैंग का लीडर था। उसके आदेश पर ये लोग ऑटो में घूमते हुए दिल्ली एनसीआर के किसी बस स्टैंड को टारगेट करते थे। इस्माइल क्योंकि पैरों से चल नहीं सकता था इसलिए वह दूसरे सदस्यों को बस स्टैंड पहुचाता था। लोग उसके दिव्यांग होने के कारण शक भी नहीं करते थे। एक्सीडेंट में पैर गंवाने के बाद वह इसी का लाभ लेता था। उसके साथी मोबाइल चोरी कर उसके पास दे देते थे।
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