नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली के पश्चिम विहार में 12 साल की मासूम के साथ दरिंदगी करने वाला यूं ही पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। 48 घंटे में ही पुलिस के हाथ चढ़ने वाले इस दरिंदे के पीछे बाहरी दिल्ली जिला पुलिस के 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी जुटे थे। जांच के हर पहलू पर जिला डीसीपी डा. ए कोन औऱ ज्वांयट सीपी शालिनr सिंह तो नजर रख ही रही थीं। पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव भी लगातार नजर रख रहे थे। बाहरी दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त आनंद मिश्रा भी लगातार पुलिस टीम के संपर्क में थे। यानि पूरा अमला इस केस को सुलझाने में जुट गया।
इंडिया विस्तार के हाथ लगी कुछ एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक मंगलवार को बुरी तरह हमले से घायल मासूम बालिका की स्थिति बहुत खराब थी। इलाके के डीसीपी डा. ए कोन को अपनी शैक्षनिक योगय्ता यानि डाक्टर होने की वजह से यह समझते देर नहीं लगी कि बच्ची को एम्स जैसे अस्पताल की चिकित्सा सुविधा की तत्काल आवश्यकता है। यह समझते ही पुलिस के सभी आला अधिकारी एम्स में भर्ती कराने की जुगत में जुट गए। पुलिस की मेहनत रंग लाई औऱ आखिरकार कोरोना काल की व्यस्तता के बाद भी मासूम का दाखिला एम्स में हो गया।
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With in 48 hours Outder District police successfully arrested the accused who committed the grave crime against the Child in Paschim Vihar west……@LtGovDelhi@CPDelhi @DelhiPolice @ANI pic.twitter.com/P3gQGvKx3m— @DCPOUTERDELHI (@dcpouter) August 7, 2020
बच्ची को एम्स में दाखिल कराने के बाद बारी थी आरोपी दरिंदे को गिरफ्तार करने की। घायल बालिका से दरिंंदे के बारे में कुछ भी सुराग मिलना नामुमकिन था। इसलिए पुलिस को इस मामले की जांच ब्लाइंड केस की तरह शुरू करना था। ऐसे में आपसी रंजिश से लेकर कई सारे पहलू थे जिनकी जांच होनी थी। जांच में समय का बहुत महत्व होता है औऱ इस मामले में इसका महत्व औऱ ज्यादा था। क्राइम सीन से क्रिमिनल तक पहुंचना मैराथन दौड़ होता है। इसीलिए पुलिस की 20 टीमें बनाई गईं हर टीम में कम से कम 5 पुलिसकर्मी थे। हरेक टीम को अलग अलग काम सौंपा गया। कोई मासूम बालिका के आसपास रहने वाले उसके हमउम्र लोगो की जांच कर रहा था तो कोई आपसी रंजिश की तह में जाने की कोशिश कर रहा था। गली में आने जाने वाले हरेक शख्स की जांच औऱ आसपास की गलियों के निवासियों की जांच करने में मंगलवार की रात निकल गई। बुधवार को पुलिस ने सीसीटीवी खंगालने शुरू किए। आसपास औऱ कई किलोमीटर तक के कैमरा फुटेज में हर आने जाने वाले की जांच करना भी भूसे की ढेर में सूई तलाश करने के समान था। 100 से ज्यादा कैमरो की फुटेज में हरेक दिखने वाला शख्स चेहरे पर कपड़ा (कोरोना की वजह से) बांधे हुए था इसलिए उसकी पहचान करने में घंटा दर घंटा गुजरता जा रहा था। एक-एक कैमरे की जांच करते करते आखिरकार पुलिस आधा दर्जन लोगो को जांच के घेरे में लिया। दो दिन बीत चुके थे। जांच के घेरे में आए लोगो को हिरासत में लेकर पूछताछ का काम शुरू हुआ। अथक कोशिश औऱ हरेक शख्स की जांच करते करते पुलिस को गिरफ्तार आरोपी कृष्णा का चेहरा एक बार सामने आया। इसके बाद डोजियर की मदद ली गई औऱ समान हुलिया के लोगो की पहचान कर आखिरकार पुलिस कृष्णा तक पहुंच गई। गुरूवार की रात पुलिस ने जब उससे पूछताछ शुरू की तो वह पुलिस पूछताछ के सामने ज्यादा देर नहीं टिक सका। पुलिस के हाथ लगे इस दरिंदे ने पहले भी एक बार चोरी के लिए घर में घुसने का विरोध करने वाली महिला की ईंट पत्थर से मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में उसको सजा भी हुई थी। पश्चिम विहार में भी वह चोरी के इरादे से ही घूम रहा था।
बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में आरोपी ने 12 साल की एक बच्ची के साथ दरिंदगी की थी। पड़ोसियों ने बच्ची के शरीर को खून से लथपथ हालत में देखने के बाद पुलिस को सूचना दी। इसके बाद बच्ची को स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। बच्ची की हालत गंभीर होने के कारण पुलिस की कोशिश से उसे एम्स में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने इस मामले में धारा 307 (हत्या का प्रयास) और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया है। पुलिस ने कहा था कि शुरुआती जांच में सामने आया कि जिस समय घटना हुई, उस समय बच्ची के माता-पिता घर में मौजूद नहीं थे। पुलिस के मुताबिक उसके माथे और चेहरे पर किसी धारदार चीज से कई बार वार किया गया था।