कोरोना के ख़िलाफ़ आपकी लड़ाई को कमजोर कर सकता है तनाव जानिए कैसे

0
303
corona stress

[responsivevoice_button voice=”Hindi male” buttontext=”Listen to Post”]

डॉ. नीरज कौशिक

डॉ. नीरज कौशिक

तनाव प्रतिरोधक भी (immunity ) को कम करने के मूल कारणों में से एक है और कोरोना के खिलाफ आपकी लड़ाई को कमजोर कर सकता है। यह हमारी युवा पीढ़ी को बचपन से ही अस्वस्थ बना रहा है। तनाव मानसिक स्तर तक हमे हानि पहुँचा सकता हैं कि वे एक भयावह, दर्दनाक शारीरिक संवेदना के रूप में सामने आती हैं। लंबे समय तक तनाव में रहने वाले लोग मूड स्विंग्स और फोबिया के शिकार होते हैं, और अवसाद, क्रोध और खिझाव अनुभव करते हैं। ये नकारात्मक भावनाएं प्रतिरक्षा प्रणाली(immune system ) को प्रभावित करती है।


जब मानव शरीर भौतिक या मनोवैज्ञानिक तनाव के तहत रखा जाता है, तो यह कुछ हार्मोनों जैसे कि एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल को बढ़ाता है। ये हार्मोन हृदय गति दबाव स्तर, चयापचय और शारीरिक गतिविधि मे में परिवर्तन लाते है। हालाँकि, यह शारीरिक अभिक्रिया,अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद करता है जब हम छोटी अवधि के लिए दबाव में होते हैं, पर यह दीर्घकालिक प्रभाव में शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है।

युवा पीढ़ी आज तनाव से सबसे अधिक ग्रस्त है उदहारण के लिए मेरे पास 13 वर्ष की आयु का एक मरीज है, जिसे क्रोनिक उच्च रक्तचाप है, पक्षाघात के साथ एक 16 वर्षीय रोगी, थायरॉयड मुद्दों के साथ 14 वर्ष का रोगी, रीढ़ की हड्डी के मुद्दों के साथ 13 वर्ष का, एक 18 वर्षीय मधुमेह रोगी है। यह आंकड़ा आपको डरने के लिए नहीं है लेकिन आपको बताने के लिए है। प्रत्येक जीव में एक प्राकृतिक संतुलन होता है और जब भी यह संतुलन गड़बड़ाता है, तो यह स्वास्थ्य पर भारी पड़ेगा। इस संतुलन को बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए मूल कारण और प्रकृति के प्रोटोकॉल को जानना है। हमारा स्वास्थ्य हमारे इम्यून सिस्टम से सीधा जुड़ा अगर हमारा इम्यून सिस्टम अच्छा है तो कम बीमार पड़ेंगे और ज्यादा लंबा जी सकेंगे। इम्यून सिस्टम शरीर को भीतर और बाहर बिमोरियों से बचाता है।

इम्यून सिस्टम काम कैसे करता है
इम्यून सिस्टम में वाइट ब्लड सेल्स (leucocytes) जो हमारे खून मे होता है ,वह बाहरी जीव जैसे वायरस की पहचान करता है और उसे खत्म कर देता है। यह एंटीबॉडी का उत्पादन भी करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली में कई प्रकार के श्वेत रक्त कोशिकाएं या ल्यूकोसाइट्स होते हैं जैसे टी कोशिकाओं(T -cells) , बी कोशिकाओं(B-cells) और प्राकृतिक किलर । T cells lnvaders को नष्ट कर देती हैं। और टी-हेल्पर कोशिकाएं इम्यूनोलॉजिकल गतिविधि को बढ़ाती हैं। यह टी-हेल्पर कोशिकाएं ही हैं जिस पर ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) द्वारा हमला किया जाता है, यह वायरस एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS ) का कारण बनता है। बी कोशिकाएं एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं। प्राकृतिक किलर सेल दोनों वायरस और ट्यूमर के खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं। तनाव प्राकृतिक किलर सेल साइटोटॉक्सिसिटी(cytotoxity) को प्रभावित कर सकता है, जो कि विभिन्न इंफेक्शन और कैंसर के खिलाफ बचाव का प्रमुख महत्व है। प्राकृतिक किलर सेल साइटोटोयिसिटी (cytotoxity) का स्तर उन लोगो मे कम पाया गया है जो अत्यधिक तनाव में हैं, जिनमें महत्वपूर्ण परीक्षाओं का सामना करने वाले छात्र, शोक संतप्त व्यक्ति, और वे जो अधिक उदास हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि इम्यून फंक्शनिंग उन लोगो की बेहतर है जिन्हे सोशल सपोर्ट मिलता है। तनाव नकारात्मक भावनाओं को उत्पत्ति करता है जो immune प्रणाली को कमजोर करते हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

तनाव मुक्त कैसे हो ? अपने दिमाग को तनाव न लेने के लिए कोशिश करे ।
जीवन की घटनाओं जैसे तनाव के स्रोतों को समझें जैसे रिश्ते का टूटना, hassles (जैसे हंगामा करना, शोर करना आसपास), दर्दनाक घटनाएं (दुर्घटना की तरह)।
बच्चों को प्रकृति के प्रति प्यार और सम्मान के साथ एक तनाव मुक्त जीवन शैली सीखने दें।
विश्वास दिलाये वह अकेले नहीं है , वह जल्द ही इस सब पर काबू पा सकते है।

तनाव प्रबंधन तकनीक : विश्राम, ध्यान, बायोफीडबैक, संज्ञानात्मक व्यवहार तकनीक, व्यायाम, समय प्रबंधन, तर्कसंगत सोच आदि है ।
समझे की तनाव आपको बीमार बना सकता है, बहुत बीमार और आपके जीवन काल को बहुत कम कर सकता है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि आप तनाव का प्रबंधन कर सकते हैं और बच्चों सहित अन्य लोगो की सहायता कर सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

17 − 16 =