नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली में अब साइबर अपराधियों ने लुटेरों के साथ मिलकर सरेराह वारदातो को अंजाम देना शुरू कर दिया है। इस तरह के पहले मामले का खुलासा दिल्ली की राजौरी गार्डन पुलिस ने किया है। इस सिलसिले में पुलिस ने तीन बदमाश और दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बदमाशों में से एक एम ए की पढ़ाई कर रहा है तो एक लैब टेक्निशियन की शिक्षा ले रहा है।

पश्चिमी दिल्ली पुलिस उपायुक्त दीपक पुरोहित के मुताबिक 16 जून को किराडी सुलेमान नगर निवासी अमित नाम के शख्स ने पुलिस में शिकायत दी थी कि गुरूग्राम की तरफ जाते समय सुबह करीब 8.30 बजे जैसे ही वह राजा गार्डन फ्लाई ओवर पर पहुंचा लाल रंग की मोटरसाइकिल पर सवार तीन लड़को ने पहले उसकी मोटरसाइकिल से चाबी निकाल ली फिर उसका पर्स जिसमें एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नकदी थे लूट लिया औऱ उसका लैपटाप औऱ बैग भी छीन लिया। इस मामले की जांच के लिए एसीपी राम सिंह की देखरेख में राजौरी गार्डन थानाध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में एसआई राजेन्द्र ढाका, विकास फगेरिया, एएसआई विनती प्रसाद, मोहित कुमार, हवलदार संदीप कुमार, सिपाही शमसेर और होमगार्ड सिपाही सचिन की टीम बनाई गई।
जांच
सीसीटीवी फुटेज आदि की जांच में पुलिस को पता लगा कि वारदात को अंजाम देने वाले तीन बदमाश लाल रंग की अपाचे मोटरसाइकिल में आए थे। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता लगा कि पीडित अमित के डेबिट और क्रेडिट कार्ड के खाते से सिंडिकेट बैंक के दो खातो में पैसे ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस ने जब जांच किया तो पता लगा कि सिंडिकेट बैंक के दोनो खाते फर्जी हैं और इनका इस्तेमाल साइबर ठग सिर्फ फंड ट्रांसफर के लिए करते हैं। और गहन जांच करने पर पता लगा कि बदमाशो ने रोहिणी सेक्टर 20 से पेट्रोल भी लिया था। फर्जी खातो से जुड़े मोबाइल नंबर की जांच में पुलिस को पता लगा कि बदमाश किराडी सुलेमान नगर के हो सकते हैं। इसके बाद पुलिस ने इन खातों पर निगरानी रखनी शुरू की तो 19 जून को बदमाशो ने इन खातो के आधार पर बने कार्ड का इस्तेमाल रोहिणी के उसी पेट्रोल पंप पर किया। इस बार सीसीटीवी में मोटरसाइकिल का नंबर साफ साफ आ गया औऱ जांच में यह भी पता लग गया कि मोटरसाइकिल मालिक फर्जी काल सेंटर आदि से जुड़ा रहा है। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने छापा मारकर नाहिद हुसैन, पिंटू कुमार, अजय और विशाल को गिरफ्तार कर लिया।
खुलासा
पूछताछ में पुलिस को पता लगा कि नाहिद हुसैन इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड था। वह इग्नू से एम ए की पढ़ाई कर रहा है। इसके साथ ही किसी प्रिंट फर्म में काम भी करता है। मगर उसका मुख्य काम काल सेंटर मालिको के लिए फर्जी खातो का इंतजाम करना था। फर्जी खातो में होने वाले हर ट्रांजक्शन के लिए उसे पैसे मिलते थे। मगर लॉकडाउन की वजह से यह काम ठप्प पड़ा था इसलिए उसने लूटपाट की योजना बनाई। इस योजना में पैसे लेने का जरिया फर्जी खातो को बनाया गया। इसके लिए उसने अपने साथी पिंटू कुमार और 3 अन्य लोगो को शामिल कर लिया।
पुलिस के मुताबिक नाहिद के अलावा वारदात में शामिल पिंटू एमएलटी का कोर्स कर रहा है। अमन डिलिवरी ब्वाय का काम करता था जबकि विशाल शादी विवाह में फोटोग्राफी करता था और अजय ड्राइवर का काम करता था।