Property in delhi-दिल्ली में प्रोपर्टी सर्च कर रहे हैं, पहले पढ़ लीजिए यह स्टोरी जान लीजिए पुलिस की सलाह

Property in delhi- पूरी बात जानने से पहले दिल्ली पुलिस की इस सलाह पर गौर करें सलाह है-एक स्मार्ट निवेशक बनें, निवेश से पहले उचित सावधानी बरतें। अधिक रिटर्न के लालच में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश न करें।

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Property in delhi- पूरी बात जानने से पहले दिल्ली पुलिस की इस सलाह पर गौर करें सलाह है-एक स्मार्ट निवेशक बनें, निवेश से पहले उचित सावधानी बरतें। अधिक रिटर्न के लालच में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश न करें। निवेश से पहले विक्रेता की पहचान, भूमि उपयोग अनुमति, निर्माण मंजूरी और राजस्व रिकॉर्ड भी जांच लें। दिल्ली पुलिस की इस सक्सेस (Success story) को आप तक पहुंचाने का मकसद है कि प्रोपर्टी खरीदने के नाम पर कहीं कोई आपको चूना ना लगा दे। यह सत्य कथा एक ऐसे ही मामले का है। पूरी कहानी पढ़ कर आप भी दिल्ली पुलिस की उपरोक्त सलाह पर गौर फरमाने के लिए सहज ही तैयार हो जाएंगे। महज थोड़ी सी असावधानी ने दो खरीदारों को सात साल तक धक्के खाने पर मजबूर कर दिया।

Property in delhi का सपना साकार करने में ऐसे हुआ घपला

रामरतन शर्मा और विनोद वर्मा नाम के शख्स ने एक साल पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत के मुताबिक आरोप लगाया गया कि दिल्ली के बुराड़ी स्थित कमालपुर गांव में धीरज त्यागी से एक जमीन खरीदा गया। धीरज, सुनील त्यागी और अरूण त्यागी ने संपत्ति बेचते समय यह तथ्य छिपा लिया कि उपरोक्त संपत्ति विवादित है और पहले ही उस पर मुकदमा चल रहा है। इस जमीन के लिए रामरतन और विनोद वर्मा ने आरोपियों को 48 लाख रु का भुगतान किया था। उन्हें बताया गया था कि उपरोक्त गांव को शहरीकृत गांव की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है, जिससे भविष्य में कई गुना लाभ होने की संभावना हो गई। 2016 में किए गए इस सौदे की एवज में रसीद, जीपीए(general power of attorney) और नोटरी के कागज भी दिए गए। यहां तक कि कब्जा पत्र के माध्यम से जमीन का कब्जा भी सौंप दिया गया। सबराजिस्ट्रार कार्यालय ने जरूर कागजात ना पूरे होने की वजह से जीपीए को पंजीकृत करने से मना कर दिया था। सब राजिस्ट्रार के इंकार पत्र के बाद जब पीड़ितों ने सुनील त्यागी आदि से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। इसी तरह आरोपियों ने ओम प्रकाश अरोड़ा नामक शख्स के साथ भी मुकदमा होने से पहले मामला निपटा लेने से संबंधित समझौता किया।

रामलीला देखने पहुंचा आरोपी

आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी विक्रम के पोरवाल के मुताबिक एसीपी मनोज कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर सुरेश कुमार और हेडकांस्टेबल लोकेश कुमार की टीम बनाई गई। पुलिस जांच में पता लगा कि सुनील त्यागी और उसके साथियों ने बुराड़ी के उपरोक्त इलाको में कई जमीनों का सौदा विवाद के तथ्य को छिपाकर कर दिया था। यही नहीं एक जमीन के बदले उन्होंने लोन भी लेने में कामयाबी पा ली थी। पुलिस ने सुनील त्यागी और उसके साथियों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई करनी चाही तो सब फरार निकले। पुलिस टीम की अथक कोशिशों के बाद पुलिस को सूचना मिली कि सुनील बुराड़ी में आयोजित रामलीला देखने पहुंचेगा। सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर सुनील को दो मामलो में गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ अब तक कुल 6 मामले दर्ज हैं। उसे इसी तरह के मामले में पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। सुनील मात्र 6 ठी कक्षा पास है। संपत्ति के कारोबार में घाटा होने के बाद वह विवादित संपत्तियों को तथ्य छिपाकर बेचने लगा था।

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