कोरोना के चलते घर लौटे मज़दूरो को इस तरह भी मिलेगा रोज़गार

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। कोरोना के चलते घर लौटे प्रवासी मजदूरों को जल जीवन मिशन के तहत रोजगार मिलेगा। गरीब कल्याण रोजगार अभियान समयबद्ध तरीके से 125 दिनों तक चलाए जाने वाला गहन अभियान है। जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में फैले 116 ज़िलें तथा 27 आकांक्षी ज़िलें शामिल हैं। जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पेयजल आपूर्ति से संबंधित कार्यों में कुशल, अर्द्ध-कुशल और प्रवासी मजदूरों को शामिल करने का ये एक बड़ा अवसर है। जलशक्ति मंत्रालय ने इन राज्यों से कहा है कि वे गांवों में काम शुरू करें, ताकि इससे न केवल घरेलू स्तर पर पर्याप्त मात्रा में पानी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, बल्कि प्रवासियों को रोजगार देने में भी सुलभता होगी। 

जलशक्ति मंत्रालय के अनुसार राज्यों को मौजूदा पाइप जलापूर्ति योजनाओं को बढ़ाकर या रेट्रोफिटिंग करके जल्दी किए जा सकने वाले कार्यों को प्राथमिकता देने की जरूरत है, ताकि ये गांव 100 प्रतिशत एफ.एच.टी.सी प्रदान कर “हर घर जल” गांव बन सकें। मौजूदा पाइप जलापूर्ति प्रणालियों की रेट्रोफिटिंग द्वारा गरीब और हाशिए पर पड़े गांवों के शेष परिवारों को घरेलू कनेक्शन प्रदान करने की अपार संभावना हैं। चूंकि यह अभियान समयबद्ध है, इसलिए विशिष्ट आउटपुट के साथ, सफल कार्यान्वयन के लिए लक्षित कार्य करने की आवश्यकता है।

प्रत्येक गरीब कल्याण रोजगार योजना (जी.के.आर.ए) गांव में उपलब्ध कराए जाने वाले कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफ.एच.टी.सी) की संख्या, गांवों, ब्लॉकों और जिलों के लिए 100% एफ.एच.टी.सी कवरेज योजना के कार्य करने के कारण घर लौटे अकुशल, अर्द्ध-कुशल और कुशल प्रवासियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ये ही ग्रामीण क्षेत्र के प्रमुख आउटपुट/प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (के.पी.आ.ई) हैं और राज्यों से इन पहलुओं पर काम करने का अनुरोध किया गया है। स्थानीय लोगों को प्लंबिंग, चिनाई, बिजली फ़िटिंग पहलुओं, पंप संचालन आदि में वापसी करने वाले प्रवासियों को कौशल प्रदान करने का अभियान चलाकर प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाना है, जिससे जलापूर्ति से संबंधित कार्यों के लिए कुशल मैन पावर उपलब्ध होगा। ग्राम कार्य योजना (वी.ए.पी), ग्राम पंचायत के सदस्यों/ ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति/पानी समिति का क्षमता निर्माण, आई.ई.सी गतिविधियों आदि को पूरा किया जाना है। इस अभियान के लिए चिह्नित आकांक्षी जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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