नोनी का साग के कई फायदे हैं। वैसे तो नोनी का साग बिहार की महिलाएं जिउतिया व्रत के दूसरे दिन पारण के समय खाती हैं। मगर नोनी का साग के फायदे कई हैं। नोनी का साग विशेष रूप से बिहार, झारखंड , बंगाल और उड़ीसा में खूब खाया जाता है। इस साग के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं और यह कई रोगों के उपचार में भी फायदेमंद है।
बिहार, झारखंड में महिलाएं जिउतिया व्रत रखती हैं। इस व्रत में नोनी साग काफी महत्व रखता है। व्रती महिलाएं इस साग को खाकर अपना व्रत तोड़ती हैं। झारखंड में नोनी का साग को गोलगोला साग के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कैल्शियम व आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
नोनी के पत्तियों के रस में एनाल्जेसिक पाया जाता है जो दर्द और संवेदनशीलता को कम करने में काफी असरदायक होता है। नोनी गठिया के घरेलू उपचार के लिए काफी सही है।
चेचक के दाग की परेशानी में भी नोनी का साग के सेवन से लाभ होता है।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या इन दिनों आम हो गई है। हर दूसरा आदमी इस परेशानी से जूझ रहा है। नोनी के पत्तों में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह आमतौर पर चाय और सेब में मौजूद फ्लेवोनोइड की तरह ही है। इसके अलावा इसमें स्कोपोलेटिन भी होता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
नोनी के ताजे पत्तों का जूस पीने से पेशाब में आ रही दिक्कत दूर हो जाएगी। इसके साथ ही पेट के कीड़े व सूखी खासी में भी नोनी का साग के सेवन से आराम मिलता है।
नोनी के पत्तों का रस अगर आप रोज पीते हैं तो इससे कई समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। नोनी के पत्तों का रस लिवर पर हेपाटो-प्रोटेक्टिव इफेक्ट्स डालता है जो क्रोनिक एक्सोजेनस केमिकल्स से इसकी सुरक्षा करता है और लिवर का कई बीमारियों से बचाव करता है।
अगर आपको आखों की जलन, मसूढ़ों की जलन, मुंह का कड़वापन जैसी समस्याएं होती है तो इसके लिए रोजाना ताजे नोनी के पत्ते को पकाकर या ऐसे ही खाएं, इससे काफी आराम मिलता है।
नोनी की पत्तियों का रस हमारे स्किन के लिए भी काफी लाभदायक है। यह सनटैन से लेकर त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं के लिए असरदायक है। इसका इस्तेमाल हम अपनी त्वचा पर सीधा कर सकते हैं या तो इसके रस को निकालकर चेहरे पर लगाने से हमारा टैन और सूजन भी कम होता है। इसके अलावा नोनी के पत्ते झुर्रियों से भी निजात दिलाते हैं।