म्यूल बैंक खातों का खतरनाक कारोबार: कैसे आम लोग बन रहे हैं साइबर ठगी का हथियार

कमीशन, मुफ्त यात्रा और आलीशान ठहराव के लालच में आम लोग अनजाने में साइबर ठगी का हिस्सा बन रहे हैं। म्यूल बैंक खातों का यह बढ़ता गोरखधंधा अब पूरे देश के लिए गंभीर खतरा बन चुका है।
सोशल मीडिया के जरिए म्यूल बैंक खातों की खरीद-फरोख्त को दर्शाती जागरूकता इमेज
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म्यूल बैंक खातों का बढ़ता गोरखधंधा: एक साइलेंट साइबर महामारी

भारत में साइबर अपराध का एक ऐसा चेहरा तेजी से उभर रहा है, जो दिखता नहीं लेकिन नुकसान बहुत बड़ा करता है। इसे कहा जाता है म्यूल बैंक खाते। ये वही खाते हैं जिनका इस्तेमाल ठग ठगी की रकम को इधर-उधर करने, निकालने और विदेशों तक पहुंचाने के लिए करते हैं।

म्यूल बैंक खातेः ऑपरेशन CyHawk और चौंकाने वाले आंकड़े

दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन CyHawk ने इस अंडरग्राउंड नेटवर्क की परतें खोलीं। जांच में अलग-अलग बैंकों के हज़ारों संदिग्ध म्यूल खातों की पहचान हुई, जिन्हें करीब ₹944 करोड़ के लेन-देन से जोड़ा गया। साफ है कि यह सिर्फ ठगी नहीं, बल्कि संगठित मनी लॉन्ड्रिंग का सिस्टम है।

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सोशल मीडिया बना म्यूल खातों का बाज़ार

पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की जांच में सामने आया कि
फेसबुक और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर म्यूल बैंक खातों की खुलेआम खरीद-फरोख्त हो रही है।

कुछ मामलों में:

  • खातों को किराए पर दिया गया
  • कमीशन के रेट कार्ड बनाए गए
  • खुद को विदेशी गेमिंग कंपनी बताकर सौदे किए गए

यह सब बिना किसी डर के, खुले डिजिटल मंचों पर।

कमजोर तबके को कैसे फँसाया जा रहा है

इस नेटवर्क का सबसे खतरनाक पहलू है इसकी भर्ती रणनीति।

  • टैक्सी चालकों को दूसरे शहरों में होटल में ठहराया गया
  • सब्जी विक्रेताओं को रिसॉर्ट में रखा गया
  • रिक्शा चालक और बेरोजगार युवक मासिक किराए के लालच में फँसाए गए

उन्हें बताया गया कि यह “लीगल बिज़नेस” है, जबकि असल में उनका खाता ठगी की रकम घुमाने के लिए इस्तेमाल हो रहा था।

वीडियो देखेंः

म्यूल खाते क्यों हैं साइबर ठगी की रीढ़

  • ठगी की रकम सीधे असली अपराधी तक नहीं जाती
  • खाता धारक बीच में फँस जाता है
  • पुलिस जांच में वही पहला आरोपी बनता है

अक्सर ऐसे लोग यह तक नहीं समझ पाते कि वे कब मनी लॉन्ड्रिंग के केस में शामिल हो गए।

जोखिम सिर्फ पैसों का नहीं है

व्यक्तिगत स्तर पर

  • गिरफ्तारी का खतरा
  • बैंक खाते फ्रीज़
  • भविष्य में अकाउंट खोलने में परेशानी

समाज के लिए

  • साइबर अपराध में तेज़ बढ़ोतरी
  • बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा कमजोर

कानून व्यवस्था के लिए

  • अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क ट्रैक करना मुश्किल
  • सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की बड़ी चुनौती

कैसे बचें म्यूल अकाउंट के जाल से

  • किसी भी कीमत पर अपना बैंक खाता, ATM, OTP या नेटबैंकिंग एक्सेस न दें
  • “कमीशन”, “वर्क फ्रॉम होम” या “गेमिंग पेमेंट” जैसे ऑफर से सतर्क रहें
  • सोशल मीडिया पर दिखने वाले बैंक-संबंधित ऑफर की तुरंत रिपोर्ट करें
  • संदिग्ध लेन-देन दिखते ही बैंक और पुलिस को सूचित करें

निष्कर्ष

म्यूल बैंक खातों का कारोबार कोई मामूली धोखा नहीं, बल्कि एक संगठित साइबर अपराध अर्थव्यवस्था है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान उन आम लोगों का हो रहा है, जो थोड़े से पैसों या सुविधाओं के लालच में फँस जाते हैं।

इस खतरे से निपटने के लिए जागरूक नागरिक, सतर्क बैंक और सक्रिय पुलिसिंग तीनों की भूमिका उतनी ही ज़रूरी है।

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