अकेला बुजुर्ग यात्री होते थे निशाने पर, दिल्ली में अनोखा चोर पकड़ा गया

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अकेला बुजुर्ग यात्री खासकर महिला बुजुर्ग यात्री उसके शिकार होते थे। अपने शिकार की तलाश में वह बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के चक्कर काटता रहता था। सूटेड बूटेड 54 साल के इस शख्स को देखकर कोई भी अकेला बुजुर्ग यात्री उस पर भरोसा कर लेता था। थोड़ी देर बाद ही उसको अहसास होता था कि सूटेड बूटेड शख्स ने उसका सब कुछ लूट लिया।

जी हां जनाब उत्तरी दिल्ली की काश्मीरी गेट पुलिस ने सूरज प्रकाश नाम के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो पिछले दो साल में डेढ़ सौ से ज्यादा यात्रियों के सामान पर हाथ साफ कर चुका है। उत्तरी दिल्ली पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी के मुताबिक इस अनोखे चोर की पहचान सूरज प्रकाश के रूप में हुई है। वह बीएससी तक शिक्षा प्राप्त है। उसके पास से 51 ट्राली बैग औऱ दर्जनों कीमती फोन बरामद किए गए हैं।
पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी के मुताबिक 56 साल की एक महिला ने काश्मीरी गेट पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 18 अक्टूबर को आईएसबीटी में उसे एक शख्स मिला उसने महिला के बाग ले जाने में मदद की पेशकश की। कुछ देर बाद वह शख्स महिला के बैग के साथ लापता हो गया। इस बैग में महिला के कुछ जेवरात और मोबाइल फोन था। इस तरह की कई शिकायतों के मद्देनजर एसीपी अक्षत कौशल की देखरेख में काश्मीरी गेट थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र कुमार के नेतृत्व में आएसबीटी चौकी प्रभारी एसआई देवेन्द्र अंतील, एएसआई अनिल, हेडकांस्टेबल देवेन्द्र, विरेन्द्र तिवारी, कांस्टेबल मनीष, कुलदीप और विपुलवास की टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और करीब 100 बदमाशों की कुंडली खंगाली गई। लगातार कोशिशों के बाद साहिबाबाद निवासी सूरज प्रकाश को दबोचा गया। उसके घर से कपड़ो से भरी 34 और 17 खाली ट्राली बैग बरामद किया गया।
पूछताछ में पता चला कि सूरज प्रकाश मेरठ यूनिवर्सिटी से बीएससी तक शिक्षा प्राप्त है। उसने शुरू में मेडिकल स्टोर खोला था। मगर उसकी दुकान नहीं चली। दो साल पहले वह क्राइम करने लगा। पिछले दो साल में उसने बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर करीम 150 चोरियां कर चुका है। सूरज प्रकाश वरिष्ठ नागरिकों को अपना शिकार बनाता था। सूट बूट में और अपनी उम्र की वजह से वह जल्दी विश्वास प्राप्त कर लेता था। बुजुर्ग यात्री का बैग ढोने में मदद के नाम पर वह बैग ले लेता था फिर कुछ देर बाद मौका पाते ही चंपत हो जाता था। सूरज प्रकाश का बेटा दसवीं और बेटी 12 वीं में पढ़ रही है। उसके दोनो बच्चे प्राइवेट स्कूल से पढ़ाई कर रहे हैं। उसने अपने परिवार को बता रखा है कि वह एक टिकट बुकिंग सेंटर में काम करता है और बैग उसके ग्राहकों के है जिसे वह लौटा देगा।


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