नारी शक्ति, महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की जीती जागती मिसाल हैं डा. आशा रानी लाल। वह इंटमीडियट में थीं तो उनकी शादी हो गई। पति और ससुर की मदद से उन्होंने शादी के बाद भी पीएचडी तक की शिक्षा प्राप्त की। इस बीच स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही उनका पहला बेटा पेट में आ चुका था। उनका एक बेटा आईएएस अफसर तो एक आईपीएस अफसर है। उन्होंने दर्जनों पुस्तकें, आलेख औऱ कहानियां लिखी हैं। उन्हें कई पुरस्कार मिल चुका है। वह 80 साल की उम्र पार कर चुकी हैं। मगर भोजपुरी को मुकाम तक पहुंचते देखना चाहती हैं। कोरोना काल में उन्होंने अपने पेंशन खाते से महाराष्ट्र में सीएम रीलीफ फंड को 5 लाख रुपये दिए। सब कुछ विपरीत रहते हुए भी अपनी पीएचडी तक की पढ़ाई के साथ साथ दो बेटों को देश की सर्वोच्च सेवा तक पहुंचाने में वह कैसे कामयाब हो गईं। कैसे परिवार औऱ शिक्षा के बीच उन्होंने सामंजस्य रखा। कैसे अपने बड़े बेटे को रेखागणित की शिक्षा दी। वह आज की महिलाओं को, भोजपुरी के प्रेमियों को क्या संदेश दे रही हैं। जानिए इस वीडियो इंटरव्यू में। वीडियो थोड़ा लंबा है लेकिन पूरा जरूर देखिएगा। महिला सशक्तिकरण की इस सबसे अच्छी और बड़ी कहानी को।