Grocery Delivery कर रहा था पटना में, दिल्ली पुलिस ने पकड़ा तो 24 साल पहले का यह मामला सुलझ गया

Grocery Delivery की आरसीएम कंपनी पटना में काम करने वाले शख्स को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने दिल्ली के उत्तम नगर में 24 साल पहले अपने साथी कर्मचारी की हत्या किया था।

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Grocery delivery
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Grocery Delivery की आरसीएम कंपनी पटना में काम करने वाले शख्स को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने दिल्ली के उत्तम नगर में 24 साल पहले अपने साथी कर्मचारी की हत्या कर दी थी। हत्या की इस वारदात में शामिल उसके साथी भी तभी से फरार घोषित हैं। गिरफ्तार आरोपी फरारी में जॉब और शहर बदल बदल कर रह रहा था। इन दिनों वह पटना में था।

Grocery Delivery के अलावा यह सब भी काम कर चुका है आरोपी

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी सतीश कुमार के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी का नाम सकेंद्र कुमार उर्फ सक्की है। उसे एसीपी विवेक त्यागी की देखरेख और इंस्पेक्टर संजय कौशिक के नेतृत्व में एसआई नरेन्द्र सिंह, योगेश, एएसआई विरेन्द्र, संदीप, रमेश, हवलदार दिनेश और संजीव की टीम ने बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया।

यह था मामला

4 फरवरी 2000 शिकायतकर्ता श्री चांदो यादव निवासी गाँव देवकाली, जिला नालंदा, बिहार ने आरोप लगाया कि उसका भाई राम स्वरूप उर्फ मोदी यादव, उम्र 32 वर्ष, लापता है। राम स्वरूप को आखिरी बार दिल्ली के मटियाला में पप्पू यादव की फैक्ट्री में मंटू यादव, साकेंद्र यादव उर्फ सक्की और विजय यादव के साथ काम करते देखा गया था पूछताछ करने पर पप्पू यादव ने बताया कि रामस्वरूप फैक्ट्री छोड़कर कहीं और काम करने चला गया था।

बाद में पप्पू यादव की मटियाला, दिल्ली स्थित फैक्ट्री में प्लास्टिक की बोरियों के नीचे रामस्वरूप का सड़ा-गला शव बरामद हुआ। जांच के दौरान आरोपी मंटू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन आरोपी पप्पू यादव, विजय यादव और साकेंद्र यादव उर्फ सक्की फरार हो गए। 26 मई 2000 को पप्पू यादव, साकेंद्र यादव उर्फ सक्की और विजय को एलडी कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया।

पूछताछ में आरोपी साकेंद्र उर्फ सक्की यादव ने खुलासा किया कि वह पप्पू यादव, मोंटू यादव और विजय के साथ रामस्वरूप यादव उर्फ मोदी की हत्या में शामिल था उन्होंने मृतक के शव को फैक्ट्री के अंदर एक कमरे में कच्चे प्लास्टिक की परतों के नीचे छिपाकर फेंक दिया और कमरे को बाहर से बंद कर दिया, जिससे शव अलग-थलग होकर सड़ने लगा।

आरोपी सकेन्दर उर्फ सक्की यादव दिल्ली से फरार हो गया और गिरफ्तारी से बचने के लिए विभिन्न शहरों में रहा। वह शुरुआती 2-3 साल सूरत में रहा, जहां उसने एक कपड़ा मिल में काम किया। फिर वह पटना चला गया जहां उसने मजदूर के रूप में काम किया और बाद में उसने पटना में एक किराना होम डिलीवरी कंपनी (आरसीएम) में नौकरी शुरू की और वह अपने परिवार के साथ पटना में बस गया और वहीं रहने लगा।

वर्ष 2000 में उसके पड़ोसी पप्पू यादव ने दिल्ली के मटियाला गांव में एक पॉलीथिन फैक्ट्री लगाई, जहां उसने अपने भाई मोंटू यादव और साथियों विजय और सकेन्दर उर्फ सक्की को नौकरी पर रखा। रामस्वरूप यादव उर्फ मोदी (उसका साथी गांव का) और उसका साला (साला) भी उसकी फैक्ट्री में काम कर रहे थे। इसी दौरान पप्पू यादव और रामस्वरूप यादव उर्फ मोदी के बीच कहासुनी हो गई। जब उसका साला विजय गांव में गया हुआ था। पप्पू यादव ने मोंटू यादव, विजय और सकेंदर उर्फ सक्की के साथ मिलकर रामस्वरूप की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को प्लास्टिक की बोरियों में दबा कर भाग गए।

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