Gold Smugling-सोना तस्करी देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन कर उभरी है। सोना तस्करी का मामला गंभीर होता जा रहा है।डीआरआई(DRI) ने हाल ही में 19 करोड़ का और बीएसएफ(BSF) ने पिछले साल नवंबर से इस साल 31 अक्टूबर तक 148.820 किलो सोना जब्त किया है। सोना तस्करों ने देश में सोना पहुंचाने के लिए नया रास्ता भी चुन लिया है।
Gold Smugling–बढ़ता जा रहा है सोना तस्करी का मामला
सोना तस्कर देश की आर्थिक ढांचे को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। सोना तस्करों की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर ने एक सप्ताह में ही तीन बार अवैध तरीके से सोना लाते हुए स्मगलरों को पकड़ा। इनसे 58.36 लाख रु का सोना जब्त किया गया। इसी तरह डीआरआई ने इस साल अप्रैल से अब तक 219 किलो सोना जब्त किया। इस सिलसिले में बीएसएफ या डीआरआई के हत्थे चढ़े ज्यादातर लोग कैरियर हैं। हालांकि असली सिंडिकेट का खुलासा करने के गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।





कैरियर को सोना तस्करी में मिलते हैं इतने पैसे
विदेशी सोने की डिमांड भारत में ज्यादा है। डीआरआई ने अक्टूबर में सोना तस्करी में लगे 11 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें हैंडलर, कैरियर और तस्करी का सोना लेने वाले सारे लोग शामिल हैं। indiavistar.com के पास मौजूद डीआरआई की रिमांड प्रति के मुताबिक खेप पहुंचाने के लिए कैरियर को 10-12 हजार रुपये मिलते हैं।
यह हैं Gold Smugling की काली दुनिया का नया सच
सोना तस्करी के मामलो की जामच कर रही एजेंसियों के सामने दो नए सच आए हैं। तस्करी में जुटे विदेशी और देशी तस्कर सोने के बिस्कुट के साथ-साथ सोने की ज्वैलरी आदि के शख्ल में भी सोने की खेप भेज रहे हैं। इनका पसंदीदा रूपट सड़क और ट्रेन है। हवाई मार्ग की बजाय सड़क या ट्रेन से सोने की खेप भेजने की पुष्टि पकड़े गए तस्करों ने भी की है। इस साल डीआरआई या बीएसएफ द्वारा प्रारंभिक पूछताछ में भी इस बात की पुष्टि हुई है।
इसके अलावा एक नया सच यह है कि भारत में अवैध सोने की खेप भेजने के लिए पूर्वोत्तर भारत का रास्ता अपनाया जा रहा है। जांच एजेंसियों के मुताबिक बांगलादेश होते हुए सोने की तस्करी का सर्वाधिक मामला सामने आ रहा है। इसके अलावा म्यांमार सीमा भी तस्करों द्वारा अपनाया जाता है। स्थिति इतनी गंभीर है कि बीएसएफ ने इसके लिए अलग से हेल्पलाइन नंबर जारी कर लोगों से सोना तस्करी का सुराग देने की अपील की है। डीआरआई की जांच में यह भी पता लगा है कि बांग्लादेश सीमा से भारत में भेजी गई खेप मुंबई, नागपुर और वाराणसी जैसे शहरों में रेल या सड़क मार्ग से भेज दी जाती है।