गैंगवार की हो गई थी तैयारी, हथियार भी हो गए थे जमा मगर दिल्ली स्पेशल ने इस तरह बिगाड़ दिया गैंगस्टरों का खेल

गैंगवार की तैयारी हो गई थी।गैंगवार के लिए असलहे भी जमा कर लिए गए थे। इसी गैंगवार में 19 सितंबर को एक गैंग सरगना की हत्या हो गई थी। मगर इस बार गैंगस्टर कुछ करते इसके पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक प्रमुख गैंगस्टर को गिरफ्तार कर लिया।

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गैंगवार

गैंगवार की तैयारी हो गई थी।गैंगवार के लिए असलहे भी जमा कर लिए गए थे। इसी गैंगवार में 19 सितंबर को एक गैंग सरगना की हत्या हो गई थी। मगर इस बार गैंगस्टर कुछ करते इसके पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक प्रमुख गैंगस्टर को गिरफ्तार कर लिया।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक स्पेशल सेल नई दिल्ली यूनिट ने संदीप विश्नोई उर्फ सेठी गैंग के शार्प शूटर हरीओम कौशिक को गिरफ्तार किया है। उसे दिल्ली के रजोकरी के पास से पकड़ा गया। जिंद का रहने वाला हरीओम कौशिक लगातार दिल्ली और दूसरे राज्य के गैंग के संपर्क में रहता था। वह अपने गैंग सरगना संदीप विश्नोई की 19 सितंबर को नागौर कोर्ट में हुई हत्या का बदला लेना चाह रहा था।  हरीओम के पास से पुलिस को 9 एमएम की पिस्टल, 10 कारतूस के अलावा 2 पिस्टल 32 बोर के और 40 कारतूस बरामद हुए हैं।

डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक 19 सितंबर को हिसार का गैंगस्टर संदीप विश्नोई उर्फ सेठी राजस्थान के नागौर कोर्ट में सुनवाई के सिलिसले में अपने साथियों के साथ पहुंचा था। अदालत में उसकी हत्या 9 गोलियां मार कर कर दी गई। गैंगवार में हुई इस हत्या के दूसरे दिन कौशल चौधरी और पंजाब के देविन्दर बांबिहा गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हत्या की जिम्मेवारी ठोंकी। लेकिन 20 सितंबर को गैंगस्टर दीपक उर्फ दिप्ति ने दोनो के दावों को झूठा करार देते हुए हत्याकांड को अंजाम देने का दावा ठोंका और कहा कि उसने अपने साथी संदीप गोदारा की 2015 में हुई हत्या का बदला ले लिया है। इसी सिलसिले में स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि हरीओम कौशिक गैंगवार में मारे गए अपने सरगना की हत्या का बदला लेने की तैयारी कर रहा है। पुलिस को यह भी पता लगा कि इसी सिलसिले में वह रजोकरी आने वाला है।

सूचना के आधार पर एसीपी ललित मोहन नेगी की देखरेख औऱ इंस्पेक्टर रविन्द्र त्यागी और अजीत सिंह के नेतृत्व में एसआई राहुल खोखर, उमेश कुमार, राज कुमार, सत्येन्द्र कुमार, एएसआई ओमवीर सिंह, नरेन्द्र सिंह, सत्येन्द्र सिंह, नीरज, सत्ययादव राणा, रविन्द्र शर्मा, हेडकांस्टेबल दीपक, नवीन, अंकित त्यागी, नेतराम जाट, ललित त्यागी, कपिल देव यादव , मुकेश, धर्मराज, अमित यादव, ललित राठी, अवधेश तोमर, अरूण कुमार, कांस्टेबल विकास यादव. राजवीर और अंकित चौधरी की टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने छापा मारकर किसी तरह हरीओम को गिरफ्तार कर लिया।

यह है गैंगवार की कहानी

पूछताछ में हरीओम ने बताया है कि 2013 में वह हिसार के पीजी कॉलेज से बी. ए. कर रहा था, संदीप बिश्नोई उर्फ सेठी भी हिसार के डीएन कालेज से बीए की पढ़ाई कर रहा था। उसी दौरान दोनों में गहरी दोस्ती हो गई।संदीप की अपने कालेज में पढ़ने वाले दीपक उर्फ दिप्ति से रंजिश थी। हरीओम और विश्नोई ने स्थानीय गैंग ज्वाइन कर लिया। हरीओम और संदीप का झगड़ा 2015 में दीपक के साथी संदीप गोदारा से हो गया। इसके कुछ दिन बाद दीपक और संदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर संदीप विश्नोई के साथी किशोरी की हत्या कर दी। इसका बदला लेने के लिए हरीओम, संदीप बिश्नोई आदि ने 22 सितंबर 2015 को दिप्ति के साथी संदीप गोदारा की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद संदीप विश्नोई औऱ हरीओम भागकर जोधपुर रहने लगे मगर हरियाणा आसपास में वह लूट, जबरन वसूली आदि की वारदातों को अंजाम देते रहे थे। साल 2017 में हरीओम औऱ विश्नोई को जयपुर के एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया। बाद मे संदीप गोदारा की हत्या मामले की वजह से उन्हें हिसार जेल शिफ्ट किया गया। ट्रायल के दौरान कोई भी गवाह उनके खिलाफ गवाही के लिए तैयार नहीं हुआ। दोनो जमानत लेने में कामयाब हो गए। लेकिन हरीओम बाद में फिर दो पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया।

जेल में रहने के दौरान  इन्होंने उसी जेल में बंद दिप्ति और उसके साथियों पर कई बार हमला किया। इसी साल अप्रैल में दिप्ति को जमानत मिल गई जिसके बाद वह पंजाब के जीरक पुर में रहने लगा। इसी बीच 12 सितंबर को संदीप विश्नोई को जमानत मिली और 19 सितंबर को उसकी हत्या कर दी गई। 20 सितंबर को दीपक उर्फ दिप्ति ने फेसबुक के माध्यम से इस हत्या की जिम्मेवारी लेते हुए और हत्याओं की अंजाम देने की बात कही। इसी के बाद हरीओम और उसके साथी गैंगवार के जरिए दिप्ति को जान से मारने की साजिश रचने लगे।

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