क्या आप sip calling के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो sip calling को बढ़िया से समझ लीजिए। आजकल यह साइबर बदमाशों का पसंदीदा हथियार बना हुआ है। खासकर वैसे साइबर बदमाशों के लिए जो विदेश से शिकार को जाल में फांसते हैं। दूसरे शब्दों में sip calling आजकल विदेशों से साइबर अपराधियों का पसंदीदा हथियार बन चुका है—आइए जानें क्यों इतना असरदार है:
sip calling क्या है?
• SIP (Session Initiation Protocol) एक सिग्नलिंग प्रोटोकॉल है जो VoIP (Voice over Internet Protocol) सिस्टम में प्रयोग होता है।
• यह इंटरनेट के माध्यम से कॉल करने की सुविधा देता है, पारंपरिक टेलीकॉम ढांचे को दरकिनार कर।
साइबर अपराधी इसे क्यों पसंद करते हैं:
• कॉलर ID स्पूफिंग: SIP के जरिए असली नंबर को छुपा कर भारतीय लैंडलाइन या मोबाइल नंबर दिखाया जा सकता है, जिससे कॉल स्थानीय लगती है।
• कम लागत, ज़्यादा पहुँच: इंटरनेट आधारित कॉलिंग बेहद सस्ती है और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी अभियान चलाने के लिए उपयुक्त।
• रिमोट संचालन: SIP टर्मिनल्स कहीं से भी ऑपरेट किए जा सकते हैं—चाहे वो कंबोडिया, कनाडा या थाईलैंड हो—जबकि कॉल भारत की लगती है।
• वैधता का भ्रम: जब अपराधी खुद को CBI, TRAI या बैंक अधिकारी बताकर कॉल करते हैं, तो लोग विश्वास कर लेते हैं।
वास्तविक उदाहरण: डिजिटल अरेस्ट स्कैम
• 2 लाख से ज्यादा स्पूफ किए गए कॉल्स, 5,000+ SIP नंबरों का उपयोग।
• लोगों को गिरफ्तारी की धमकी देकर पैसा ट्रांसफर करवाया गया।
• SIP सेवाएं जियो, टाटा टेली जैसे भारतीय प्रोवाइडर्स से धोखे से ली गईं।
• SIP सर्वरों के जरिए कॉल्स को रूट किया गया, जिससे असली लोकेशन ट्रेस करना मुश्किल हो गया।
अब क्या कदम उठाए जा रहे हैं
• दूरसंचार विभाग (DoT) ने ऐसे सिस्टम लागू किए हैं जो इंटरनेशनल स्पूफ कॉल्स को रोकते हैं जो भारतीय नंबर जैसा दिखते हैं। Report at #chakshu
• SIP का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए कानूनी एजेंसियां सक्रिय हैं, लेकिन इसकी तकनीकी लचीलापन इसे चुनौतीपूर्ण बनाए रखता है।
SIP की टेक्नोलॉजी क्यों लचीली है—और धोखेबाज़ों के लिए आकर्षक:
SIP तकनीक की विशेषताएं:
• डिवाइस से स्वतंत्र: SIP सॉफ्टफोन, VoIP डेस्क फोन, मोबाइल ऐप्स और ब्राउज़र बेस्ड प्लेटफॉर्म पर काम करता है।
• लोकेशन से स्वतंत्र: इंटरनेट से कहीं से भी कॉल की जा सकती है—स्थानीय टेलीकॉम ढांचे की जरूरत नहीं।
• बहुउपयोगी प्रोटोकॉल: SIP सिर्फ वॉयस नहीं, बल्कि वीडियो, मैसेजिंग और कॉन्फ्रेंसिंग को भी सपोर्ट करता है।
• स्केलेबल सिस्टम: नए लाइन या यूज़र जोड़ना सिर्फ सॉफ्टवेयर अपडेट से हो सकता है—कोई हार्डवेयर बदलाव नहीं।
• कस्टम रूटिंग: SIP कॉल्स कई सर्वरों से होकर रूट किए जा सकते हैं, जिससे असली सोर्स को छुपाना आसान हो जाता है।
धोखेबाज़ क्यों इस्तेमाल करते हैं:
• स्पूफिंग सरल: कॉलर ID छेड़छाड़ करना आसान, विदेशी कॉल्स को स्थानीय दिखाने में मदद।
• तेज़ सेटअप: फ्रॉड गैंग्स क्लाउड बेस्ड PBX सिस्टम से कुछ घंटों में हजारों SIP लाइनें तैयार कर सकते हैं।
• ट्रेस करना मुश्किल: कॉल्स को कई स्तरों के SIP सर्वरों से रूट करके असली लोकेशन छुपाई जाती है।
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