सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर मत कीजिएगा डिग्री का सौदा, पढि़ए दिल्ली की ये सच्ची घटना, डीसीपी से जानिए पूरा सच

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सोशल मीडिया

सोशल मीडिया पर डिग्री दिलाने वाले विज्ञापनों या संदेशों से सावधान रहिएगा। सोशल मीडिया पर डिग्री दिलाने का विज्ञापन देखकर कई लोग फर्जी डिग्री ले चुके हैं। अब उन पर पुलिस की तलवार लटक गई है। दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाने वाले जालसाज जितेन्द्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से 65 फर्डी सर्टिफिकेट और डिग्री के अलावा कंप्यूटर आदि बरामद हुए हैं।

वीडियो मे डीसीपी से जानें पूरी बात

दिल्ली के रोहिणी डीसीपी प्रणव तायल के मुताबिक दीपक कुमार नाम के शख्स ने शिकायत दी थी कि यमुना आईएएस इंस्टीच्यूट का एक ऑनलाइन विज्ञापन देखकर वह आरोपी दीपक से मिला था। जितेन्द्र ने उसे बीएचएमएस में दाखिला दिलाने का झांसा दिया। इसके बदले उससे साढ़े तीन लाख रु मांगे गए थे। शिकायतकर्ता ने ढाई लाख रु दे भी दिए। मगर 6 माह बीत जाने के बाद भी उसे दाखिला नहीं मिला। उसने जब इस बारे में जितेन्द्र से पूछना चाहा तो उसने अपना फोन बंद कर दिया। इस शिकायत पर एसीपी सुभाष वत्स की देखरेख में साइबर सेल इंचार्ज इंस्पेक्टर अजय दलाल के नेतृत्व में एसआई सोहन लाल, चेतन, महिला एएसआई शिप्रा, कांस्टेबल नजामुद्दीन और प्रमोद की टीम बनाई गई। तकनीकी सर्विलांस औऱ कोशिश के बाद पुलिस ने जितेन्द्र को शकरपुर से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 4 अलग-अलग यूनिवर्सिटी और बोर्ड के 14 सर्टिफिकेट बरामद हुए।

पूछताछ में उसने बताया कि वह वेदांग संस्थान में गणित और रिजनिंग पढाता था। कोरोना की वजह से उसकी नौकरी छूट गई। इसके बाद वह छात्रों को विभिन्न जगहों पर एनराल कराने का काम करने लगा। इसी दौरान उसकी दोस्ती ऐसे लोगों से हो गई जो फर्जी डिग्री बनाते थे। इसके बाद वह सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर छात्रों को जाल में फंसाने लगा। पुलिस को उसकी निशानदेही पर 50 और सर्टिफिकेट बरामद हुए। जांच में पता लगा है कि इस गिरोह ने करीब 1000 फर्जी डिग्री बेची हैं।

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