crime story in hindi: दिल्ली की इस क्राइम स्टोरी (crime story in hindi) में क्राइम की वजह कोई बड़ी नहीं थी। मगर क्राइम करने वालों ने जिस तरह इसको अंजाम दिया वह काफी विभत्स था। उनकी साजिश वरिष्ठ नागरिक को हत्या के बाद शव को जला देने की भी थी। मगर पुलिस की अफरा-तफरी ने उनको भागने पर मजबूर कर दिया। वह डेढ़ महीने तक इधर उधर भागते रहे। मगर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अंततः दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
crime story in hindi: दिल्ली की इस क्राइम स्टोरी की शुरूआत ऐसे हुई
दिल्ली क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी संजय कुमार सैन के मुताबिक बवाना औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन के अध्यक्ष राजन लांबा रहस्मयी तरीके से 1 दिसंबर को लापता हो गए। उनके बेटे विविन लांबा ने पुलिस में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई। मामाला वरिष्ठ नागरिक का होने की वजह से दिल्ली पुलिस की विभिन्न टीमों ने उन्हें तलाशना शुरू किया।
काफी मशक्कत के बाद पुलिस को 69 वर्षीय राजन लांबा की लाश बवाना के एक फैक्टरी में बोरी में बरामद हुई। उनके शरीर पर कई बार हुए हमले के निशान थे। जांच पड़ताल में पता लगा कि लोहे के रॉड से उनके सिर पर हमला करके उनकी हत्या कर दी गई थी। एडिशनल सीपी संजय कुमार सैन के मुताबिक मामले को सुलझाने के लिए एसीपी रमेश चंद्र लांबा की निगरानी में इंस्पेक्टर सतेन्द्र मोहन के नेतृत्व में इंस्पेक्टर महिपाल सिंह, एसआई गौरव, अंकित, हेडकांस्टेबल नवीन, सुनील, तरूण, विनोज और नीतेश की टीम बनाई गई।
ऐसे खुला मामला
पुलिस टीम ने मामले को सुलझाने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले। कड़ी मेहनत के बाद पुलिस को दो संद्गिधों के बारे में पता लगा। संद्गिधों की पहचान शेर सिंह और हरीश के रूप में हुई। पुलिस ने उनकी तलाश में उनके गांव, ससुराल मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, आगरा और दिल्ली में छापेमारी की। एक माह से ज्यादा की छापेमारी के बाद हरीश को बुलंदशहर के दिबाई में ढूंढ निकाला गया। इसके बाद दिल्ली के उत्तम नगर से शेर सिंह को भि दबोच लिया गया।
इसलिए की थी हत्या
पूछताछ में पता चला कि दो साल पहले उन्होंने राजन लांबा से एक प्लास्टिक मोल्डिंग मशीन खरीदा था। तीन लाख की इस मशीन के पैसे किश्त में दिए जाने थे। शेर सिंह ने शुरूआत में तो किश्त की रकम दी मगर बाद में किश्त देने में असफल रहने लगा। राजन लांबा ने उससे मशीन वापस करने के लिए कहा लेकिन वह मशीन भी वापस नहीं करना चाहता था।
इसको लेकर लांबा ने उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस पर शेर सिंह ने उसे रास्ते से हटाने का फैसला किया। 1 दिसंबर को वह उसकी फैक्टरी में मिले और मशीन लौटाने की बात कह राजन लांबा को साथ लेकर उसकी पोलो कार से अपनी फैक्टरी में आ गया। वहां दोनों तरफ से फिर गर्मागर्मी हुई। शेर सिंह और हरीश ने मिलकर लोहे की रॉड से राजन लांबा के सिर पर कई बार हमला किया। हमले में मारे गए राजन लांबा की लाश को वह कार के साथ जला देना चाहते थे मगर भारी होने की वजह से लाश को तो उन्होंने फैक्टरी में ही छोड़ दिया।
इसके बाद राजन लांबा की कार और फोन लेकर नरेला के जंगलो में छोड़ आए। इसके बाद दोनों इधर उधर भागते रहे। शेर सिंह आठवीं तक पढ़ा है। वह पिछले 15 साल से बवाना में डाई और माल्डिंग का काम करता है। हरीश सातवीं तक पढ़ा है और शेर सिंह का भतीजा है। वह शेर सिंह के साथ ही काम करता था।
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