बाबूजी धीरे चलना बड़े धोखे हैं इस राह में, यहां हर मोड़ पर मिलते हैं जालसाज

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली में तरह-तरह के जालसाज सक्रिय हैं। पिछले दो दिनो में दिल्ली के विभिन्न पुलिस थानो के हत्थे चढ़े इन जालसाजों की कहानियां जानें और रहें सावधान। वीडियो देखना भी ना भूलें

1. नौकरी का झांसा
जालसाजों के बारे मे सबसे पहला मामला आनलाइन फ्राड का। साउथ ईस्ट दिल्ली के साइबर सेल ने आशीष राणा नाम के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो naukricareer.in पर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर सिर्फ दस रुपये मांग के उनसे हजारो रुपये ठग लेता था। इस कहानी का खुलासा तब हुआ जब कालकाजी में सरताज नाम के शख्स ने शिकायत दी। उसने बताया कि उसके फोन पर मशहूर naukri.com की मुस्कान नाम की लड़की का फोन आया। मुस्कान ने उससे naukricareer.in के नाम पर 10 रुपये जमा कराने के लिए कहा। सरताज ने 10 रु जमा करा दिए जिसके बाद उसके एचडीएफसी बैंक खाते से विपसावैलेट में 5000 रु चले गए। मामले को सुलझाने के लिए साइबर सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर संदीप पवार की टीम ने सघन जांच के बाद आशीष राणा को गिरफ्तार किया। पूछताछ मे उसने बताया कि नौकरी के इच्छुक लोगों का डाटा खरीद कर उसने नौकरी.काम जैसा फर्जी वेबसाइट बनाया जिसके बाद उसने पेमेंट गेटवे से किसी तरह कनेक्ट कर पैसे अपने खाते में मंगवा लेता था।
2. नोट के बदले रद्दी कागजों का बंडल
एक दूसरे तरह की जालसाजी में दिल्ली की सिविल लाइंस पुलिस ने दो ऐसे जालसाजों को गिरफ्तार किया है जो शूटिंग प्रतियोगी को झांसा देकर उसका महगा फोन और एयर पिस्टल हड़प चुके थे। यह प्रतियोगी किसान पुत्र भी है। पुलिस के मुताबिक गौरव शर्मा ने पुलिस को शिकायत दी थी कि जयपुर में आयोजित शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर वह वापस आ रहा था। काश्मीरी गेट पहुंचने पर उसे दो लड़को ने संपर्क किया। उन्होंने उसे नोटो का एक बंडल दिखाकर बड़ी चालाकी से उसका महंगा फोन औऱ बैग में रखा एयर पिस्टल लेकर चंपत हो गए। एसीपी प्रदीप कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार के नेतृत्व में एएसआई विकेश, हेडकांस्टेबल महेश, जितेन्द्र, कांस्टेबल शिव, रमेश और किशोर की टीम ने सघन जांच के बाद मोहम्मद सुहाग उर्फ साहिल और मुख्तार नाम के दो जालसाजों को गिरफ्तार किया। ये दोनो पहले भी इसी तरह की वारदातें कर चुके हैं।
3. नकली सीबीआई अफसर
भरतपुर के जफरूद्दीन 19 जून को दिल्ली के जामा मस्जिद से कपड़े खरीदने पहुंचे थे। धौला कुंआ से उन्होंने जामा मस्जिद के लिए ऑटो किया। आटो में पहले से ही एक शख्स बैठा हुआ था। कुछ दूर चलने के बाद एक औऱ शख्स ऑटो में आ गया। इस शक्स ने खुद को सीबीआई अफसर बताया और आटो चालक के लाइसेंस आदि देखने लगा इसी दौरान उसने जफरूद्दीन का बैग भी चेक किया। उसी समय हाथ की सफाई दिखाते हुए उसने बैग में रखे 50 हजार रु और कुछ कागजात पर हाथ साफ कर लिए। पुलिस ने मामले में अथक परिश्रम के बाद संजीव गिल और ऑटो चालक रितेश को गिरफ्तार कर लिया। ये लोग पहले भी इसी तरह लोगों को लूट चुके हैं।

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