किडनी रैकेट के एक और खतरनाक गैंग का दिल्ली में खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के हाथों गैंग सरगना सहित 8 लोग गिरफ्तार हुए हैं। इस गैंग का कई राज्यों के अस्पतालों के साथ मिलीभगत का संदेह है। पुलिस के मुताबिक गैंग का सरगना संदीप नाम का शख्स है जो अलग-अलग लोगों से अलग-अलग काम लेता था और सबके पैसे उसी हिसाब से दिए जाते थे। संदीप को गोवा के पांचसितारा होटल से दबोचा गया। फर्जी कागज का इस्तेमाल किया जाता था ताकि कानून से बचा जा सके।
किडनी रैकेट का संजाल
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक गैंग दिल्ली एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में सक्रिय था। गैंग के पास से तीन दर्जन फर्जी स्टैंप, मर्सिडीज कार आदि बरामद किए गए हैं। विभिन्न अस्पतालों के कागजात भी इनके पास से मिले हैं। गैंग को एसीपी रमेश लांबा की देखरेख में और इंस्पेक्टर सत्येंद्र मोहन के नेतृत्व में एसआई राकेश, अंकित, गौरव, एएसआई सुरेश, हेडकांस्टेबल बिर्जेश, ललित, सुरेन्द्र, सुनील, तरण, विनोद, नीतेश और नवीन की टीम ने पकड़ा। गैंग किडनी ट्रांसप्लांट के 35 लाख रुपये तक वसूलता था।
पूछताछ में पता लगा है कि आरोपी प्रतिष्ठित अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट कार्डीनेटर का जॉब लेकर सारी प्रक्रिया को समझ चुके थे। ये लोग सोशल मीडिया के माध्यम से डोनर का इंतजाम करते थे। गरीब लोगों को 5-6 लाख रुपये का लालच देकर गैंग उन्हें किडनी देने के लिए मना लेता था। मरीज और डोनर को करीबी रिश्तेदार साबित करने के लिए फर्जी कागजातों का सहारा लिया जाता था। विभिन्न राज्यों के 11 अस्पताल संदेह के घेरे में हैं।
अभी तक किडनी ट्रांसप्लांट के 34 मामलों का पता लगा है। गिरोह का सरगना संदीप आर्या ने पब्लिक हेल्थ में एमबीए कर रखा है। पकड़े गए अन्य आरोपी देवेन्द्र झा, विजय कुमार कश्यप, पुनीत कुमार, मोहम्मद हनीफ शेख, चीका प्रशांत, तेज प्रकाश और रोहित खन्ना हैं। इनके पास से 17 मोबाइल फोन, 34 स्टैंप, फर्जी डोनर की छह फाइलें आदि बरामद हुई हैं।
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