नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। बचपन के एक जानकार ने प्रोपर्टी डीलर के घर को लुटवा दिया। घर से 40 लाख
रूपये के जेवरात, नकदी औऱ कई सामान गायब करवा दिए। बचपन के इस जानकार को प्रोपर्टी डीलर ने अपनी
मदद के लिए बुलाया था। दक्षिणी दिल्ली पुलिस की स्पेशल स्टाफ ने बचपन के इस जानकार सहित 6 लोगों को
गिरफ्तार किया है।
यह था मामला
दक्षिणी दिल्ली पुलिस उपायुक्त अतुल ठाकुर के मुताबिक 30 सितंबर को खानपुर निवासी देवेन्द्र भल्ला ने पुलिस
को शिकायत दी की एक दिन पहले वह अपनी लुधियाना में रहने वाली बेटी से मिलने के लिए गए थे। पड़ोसियो ने
फोन पर बताया कि उनके घर के सारे ताले टूटे हुए हैं। इस सूचना पर जब वे वापस आए तो देखा कि घर की
सारी आल्मारियों के ताले भी टूटे हुए थे औऱ उनमें रखा करीब 40 लाख रूपये के जेवरात, 10 हजार नकद
और एलसीडी टीवी सहित कई कपड़े भी गायब थे।
इस मामले को सुलझाने के लिए एसीपी बिजेन्द्र विधुड़ी की देखरेख में इंस्पेक्टर गिरीश कुमार के नेतृत्व में
एसआई संजय सिंह, एएसआई प्रेमजीत. अनिल, हेडकांस्टेबल सुनील कुमार, सुरेश, संजय, कांस्टेबल रोशन,
अनुप, तेज नारायण और सोमदत्त की टीम बनाई गई।
जब शुरू हुई जांच
पुलिस टीम ने प्रोपर्टी डीलर भल्ला के घर के आसपास की सीसीटीवी खंगालनी शुरू की। सीसीटीवी की जांच में
पांच लोगों को स्वीफ्ट कार में आते औऱ भल्ला के घर का ताला तोड़ते हुए देखा गया। इसके बाद औऱ सघन जांच
की गई। भल्ला ने पुलिस को बताया था कि लुधियाना जाने की योजना 28 सितंबर को बनी थी। कार ड्राइविंग के
लिए उन्होंने अपनी प्रोपर्टी के किराएदार औऱ बचपन के जानकार पुनीत अरोड़ा को बुलाया था। पुलिस ने पुनीत
अरोड़ा से पूछताछ की लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। इसी बीच पुनीत ने कोई जहरीला पदार्थ भी खा लिया जिसकी
वजह से वह अस्पताल में भर्ती हो गया। पुलिस उससे ज्यादा पूछताछ नहीं कर पाई। लेकिन तकनीकी जांच औऱ
अन्य लोगों से पूछताछ होती रही। इस बीच पुनीत अरोड़ा को भी अस्पताल से छुट्टी मिल गई। पुलिस ने इस बार
पुनीत और उसके दो साथी अमित औऱ डैनी से भी पूछताछ की। सघन पूछताछ में तीनों के बयान में विरोधाभास
पाए गए। जब कड़ाई हुई तो उन्होंने वारदात को अंजाम देने की बात भी स्वीकार कर ली। इसके बाद पुलिस
टीम ने दिल्ली, यूपी और राजस्थान में छापामार कर लक्ष्मण दास, लाल सिंह उर्फ लालू और गोवर्धन उर्फ गौरव
को गिरफ्तार कर लिया। उनसे एलसीडी टीवी और गिरवी रखे जाने के पर्चे भी बरामद हुए। पता चला कि चोरी
के जेवरात मुथुट फाइनेंस में गिरवी रख इन्होंने नकदी ली थी औऱ आपस में बांट लिया था।
साजिश
पुनीत को भ्रम था कि भल्ला के पास काफी नकदी रहता है। उसे ये भी पता लगा था कि भल्ला के पास कहीं से
मोटी रकम आई है। जब उसको पता लगा कि भल्ला अपने परिवार के साथ लुधियाना जा रहे हैं तो उसने अपने
मित्र अमित और डैनी से संपर्क साधा। डैनी ने अपने मामा लक्ष्मण दास को मंगोलपुरी से बुला लिया। वह अपने
साथियों के साथ पहुंच गया। पुनीत ने दिन में उन्हें भल्ला का घर दिखा दिया। यही नहीं भल्ला से घर का चाबियों
को गुच्छा लेकर उसने डुप्लीकेट चाबी भी बनवा ली। रात में जैसे ही पुनीत भल्ला और उनके परिवार के साथ
पंजाब के लिए निकला उसने अमित को सिग्नल दे दिया। अमित औऱ डैनी ने लक्ष्मण दास को बुला लिया लक्ष्मण
अपने साथियों के साथ पहुंचा औऱ वारदात को अंजाम दिया गया। सेंधमारी के बाद उन्होंने जेवरात को मुथुट
फाइनेंस के पास गिरवी रख दी जिससे मिली रकम को आपस में बांट लिया गया।
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