चौकीदारी छोड़ बदमाश बना, चुनाव में लाखो खर्चे फिर क्या हुआ जानिए विस्तार से

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। राजस्थान से साल 2009 में एक शख्स नौकरी की तलाश में दिल्ली पहुंच गया। छतरपुर में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने लगा। छह माह बाद वह चौकीदारी छोड़ पीजी हाउस में नौकरी करने लगा। यहीं उसकी मुलाकात गैंगस्टर से हुई औऱ वह बदमाश बन गया। कई वारदातों को अंजाम देने वाले इस शख्स को दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एसटीएफ दस्ते ने गिरफ्तार कर लिया है।

क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी शिबेस सिंह के मुताबिक गिरफ्तार बदमाश की पहचान प्रभात उर्फ प्रभाती के रूप में हुई है। वह खतरनाकर बदमाश रोहित चौधरी का साथी है। उसे पिछले साल जून में अपने साथियों के साथ एक प्लाट खाली कराने के चक्कर में हमला करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में मकोका के तहत केस दर्ज किया गया था। शिबेस सिंह के मुताबिक उसे डीसीपी भीषम सिंह की देखरेख और एसीपी पंकज सिंह की निगरानी में बनी इंस्पेक्टर विकास राणा के नेतृत्व में बनी एस आई हरवीर सिंह, मनोज कुमार, महिला एसआई मंजू, एएसआई नरेश कुमार, जय प्रकाश, विजय कुमार, हेडकांस्टेबल धर्मवीर सिंह, योगेन्द्र सिंह, रोहित, कांस्टेबल परमजीत, परमिंदर और अनीष की टीम ने  गिरफ्तार किया है।

प्रभात उर्फ प्रभाती राजस्थान के धौलपुर का निवासी है औऱ साल 2009 में दिल्ली नौकरी की तलाश में आया था। छतरपुर में वह चौकीदारी करने लगा। छह माह बाद एक पीजी में उसे नौकरी मिल गई। यहीं उसकी मुलाकात रोहित चौधरी से हुई। 2011 में वह रोहित चौधरी के साथ काम करने लगा। वह उसके लिए जबरन उगाही आदि कर रहा था। बाद में उसने रोहित के कहने पर उसकी फोर्ड एंडेवर औऱ फार्च्यूनर को बुलेट प्रूफ भी बनवाया। यही नहीं रोहित के कहने पर उसने स्थानीय चुनाव लड़ने के लिए लाखो रुपये खर्च भी किए।

 

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