HPCL पाइपलाइन से तेल चोरी वाले गिरोह का पर्दाफाश | दो मोस्ट वांटेड आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार

HPCL पाइपलाइन तेल चोरी मामले के दो मोस्ट वांटेड आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार किए गए। अपराधियों ने जमीन के अंदर सुरंग बनाकर पाइपलाइन से डीज़ल निकालने का पूरा सिस्टम तैयार किया था।
HPCL पाइपलाइन तेल चोरी केस
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तेल चोरी आमतौर पर फिल्मों में देखने की कहानी लगती है, लेकिन HPCL पाइपलाइन से तेल चोरी का यह केस असली जिंदगी की ऐसी वारदात है जिसने पुलिस तक को हिला दिया था। राजस्थान के जयपुर में जमीन के नीचे सुरंग बनाकर पाइपलाइन से डीज़ल निकालने का पूरा नेटवर्क चला रहा एक गिरोह महीनों से फरार था। इस गैंग के दो सबसे अहम खिलाड़ी आखिरकार दिल्ली में दबोचे गए हैं।

क्राइम ब्रांच डीसीपी हर्ष इंदौरा के मुताबिक क्राइम ब्रांच के एंटी-गैंगस्टर स्क्वॉड की टीम, जिसकी कमान इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के हाथ में थी, इन अपराधियों के पीछे लीड्स जोड़ने, टेक्निकल सर्विलांस और मैनुअल इंटेलिजेंस जुटाने में तीन महीने से लगी हुई थी। यह काम आसान नहीं था, क्योंकि दोनों आरोपी कई राज्यों में केस झेल रहे थे और लगातार ठिकाने बदल रहे थे।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान स्वर्ण सिंह (55) और धर्मेंद्र उर्फ रिंकू (50) के रूप में हुई है। दोनों तेल चोरी के मामले में घटना के बाद से फरार थे और उन पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। आपस में ये जीजा साले हैं।

HPCL पाइपलाइन तेल चोरी केस का कैसे हुआ खुलासा

10 जून 2025 को जयपुर वेस्ट DST के इंस्पेक्टर गणेश सैनी को जानकारी मिली कि वसुंधरा कॉलोनी, दहमी कलां के पास से गुजर रही HPCL MDPL पाइपलाइन में छेड़छाड़ के निशान हैं। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो प्लॉट नंबर 145 से ऐसा सेटअप मिला जिसने सबको चौंका दिया।

कमरे के अंदर खुदाई की गई जगह थी, एक सुरंग बनाई गई थी और उसके अंदर तीन वाल्व वाला GI पाइप लगा था। वहीं एक ट्रांसपेरेंट पाइप बाहर खड़े पिकअप ट्रक में लगे प्लास्टिक टैंक में डीज़ल भेज रहा था। घर के पीछे HPCL पाइपलाइन का बोर्ड लगा होना भी पूरी कहानी बयान कर रहा था।

किराएदार राजेश उरांग से पूछताछ में साफ हुआ कि पूरा सेटअप स्वर्ण सिंह सरदार और उसके साथियों ने तैयार किया था।

फिर शुरू हुई गिरफ्तारी की खोज

इस केस के बाद दोनों आरोपी गायब हो गए। क्राइम ब्रांच के ऑपरेशन का फोकस ऐसे ही गैंगस्टरों, आर्म्ड ग्रुप्स और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधियों पर था। AGS यूनिट के पास इनके मूवमेंट के शुरुआती इनपुट आए।

टीम ने लगातार इनकी तलाश में कई राज्यों के चक्कर लगाए, सोर्सेज सक्रिय किए और टेक्निकल ट्रैकिंग पर काम किया।

3 दिसंबर 2025 को SI अगम प्रसाद को पुख्ता सूचना मिली कि दोनों आरोपी दिल्ली के विकासपुरी नगर नाला क्षेत्र में छिपे बैठे हैं। देर किए बिना सर्विलांस लगाया गया और दोनों को मौके पर पकड़ लिया गया। बिना किसी हथियार चलाए ऑपरेशन सफल रहा।

पूछताछ में क्या निकला

दोनों गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में HPCL पाइपलाइन तेल चोरी रैकेट में शामिल होने की बात कबूल की। मामला दर्ज है और अब आगे की कार्रवाई राजस्थान पुलिस और HPCL की जांच टीम के साथ मिलकर की जा रही है।

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इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों और सप्लाई चेन की जांच भी जारी है।

तेल चोरी सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा अपराध है। यह गिरफ्तारी क्राइम ब्रांच की लंबे समय की मेहनत और नेटवर्क आधारित जांच की बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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