नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली पुलिस साइबर स्पेशल सेल ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस सिलसिले में 6 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक ठगों के इस गिरोह ने अब तक करीब 1 हजार लोगों के दो करोड़ रुपये का चूना लगाया है। इनके निशाने पर दस हजार लोग थे। ठगी के इस रैकेट के लिए इन्होंने एक जॉब पोर्टल से थोक संख्या में नौकरी के इच्छुक लोगों का डाटा खरीदा था।
पुलिस के मुताबिक कॉरपोरेट वकील बनने की इच्छुक एक महिला वकील ने एक वेबसाइट पर अपना बायोडाटा अपलोड किया था। कुछ दिन बाद ही उन्हें एक इंटरनेट कॉल आया औऱ कॉल करने वाले ने खुद को प्लेसमेंट कनफर्मेशन सेवा का एजेंट बताया। उसने महिला वकील को बड़ी कंपनियों में उनका बायोडाटा भेजने का आश्वासन भी दिया। शिकायतकर्ता के मुताबिक इसी तरह के एक फर्जी ई मेल के जरिए उससे कुछ पैसे भी जमा करवा लिए गए। फिर उनसे कागजात जांच के नाम पर 34 हजार रुपये मांगे गए। काफी दिन बाद महिला वकील को पता चला कि उससे ठगी की गई है फिर उन्होंने अपने पैसे वापस मांगने शुरू किए लेकिन ना तो नौकरी मिली और ना ही पैसे वापस किए गए। यही नहीं दवाब डालने पर ठगों ने उन्हें एक पेमेंट लिंक भेजा और प्रोमो कोड भी लेकिन जैसे ही महिला वकील ने लिंक पर जाकर प्रोमो कोड डाला पैसे उन्हीं के खाते से निकल गए।
महिला वकील की शिकायत पर एसीपी रमण लांबा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर भानू प्रताप, एस आई सुनील सिद्धू आदि की टीम ने डिजिटल जांच शुरू की। जांच के बाद नोएडा के सेक्टर 8 में मौजूद फेक कॉल सेंटर पर छापा मारकर कुनाल सिंह. गौरव गुप्ता, विशाल तंवर, शशांक शेखर, कल्पेन्द्र सिंह और शुभम को गिरफ्तार किया।
कुनाल 2016 में पुणे में इसी तरह की जालसाजी में गिरफ्तार हो चुका है।