देश में स्वदेशी अभियान रंग ला रहा है। स्वदेशी 5 जी सेवा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कामयाबी है। देश में स्वदेशी तकनीक पर हथियारों से लेकर ट्रेन, युद्धपोत, और उपग्रह तक निर्माण हो रहा है। केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया योजना के तहत साल के अंत तक एफडीआई से देश में दस हजार करोड़ डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है। आईए एक नजर डालते हैं आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ रहे कदम पर-
डीआरडीओ
जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल तंत्र, अग्नि पी और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भारत में बनी है। भारत ने बोफोर्स से बेहतर तोप बनाई है जो 52 किलोमीटर तक मार करती है।
आईएनएस विक्रांत
यह देश का पहला स्वदेशी युद्धपोत है जो 45 हजार टन वजनी है। 20 हजार करोड़ रु की लागत से तेरह साल में इसे तैयार किया गया है। इस समय देश में स्वदेशी तकनीक पर 39 जहाज और पनडुब्बी का निर्माण चल रहा है।
वंदेभारत ट्रेन
पीएम मोदी ने अहमदाबाद-मुंबई रूट पर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। यह तीसरी वंदे भारत ट्रेन है। सरकार की योजना है कि आने वाले दो से तीन वर्षो में पूरे भारत में वंदे भारत ट्रेन का संचालन किया जाए।
एलसीएच हेलीकॉप्टर
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने भारतीय सेना को स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकाप्टर (एचसीएल) का पहला हेलीकॉप्टर 29 सितंबर को सौंपा। 3887 करोड़ की लागत से देश में स्वदेशीकरण के तहत सेना के लिए 15 हेलीकॉप्टर बनेंगे।
उपग्रह
दुनिया की 8 फीसदी अंतरिक्ष बाजार को अपने कब्जे में लेने की दिशा में भारत अग्रसर है। अभी इसरो का दो फीसदी अंतरिक्ष बाजार पर कब्जा है। भारत की कई कंपनियां उपग्रह और अंतरिक्ष से जुड़े साजो सामान बनाने में जुटी हैं।
नाविक सिस्टम
इसरो द्वारा तैयार ये तकनीक स्वदेशी नेवीगेशन सिस्टम की दिशा में बड़ी उपलब्धि है। देश भर में सफर के लिए अब जीपीएस की जगह स्वदेशी सिस्टम नाविक का इस्तेमाल हो सकेगा। 2006 में 17.4 करोड़ डॉलर से इसके निर्माण को मंजूरी मिली थी।