नई दिल्ली, इंडिया विस्तार।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लाल चंदन की तस्करी करने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के लोग दक्षिणी राज्यों से चंदन लाते थे और फिर उत्तर भारत के कई राज्यों में सप्लाई करते थे। लाल चंदन की ये लकड़ी बेशकीमती है। इसकी खरीद फरोख्त सरकारी निगरानी में ही होती है, लेकिन चंदन तस्कर बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी कर रहे हैं। गिरफ्तार लोगों के कब्जे से पुलिस ने करीब साढे चार सौ किलो चंदन की लकड़ी बरामद की है। इसकी कीमत भारत के बाजार में करीब 1 करोड़ 20 लाख, जबकि चीन में 4 करोड़ 20 लाख बताई जा रही है। चंदन की यह खेप बेंगलुरु से दिल्ली लाया गया था। पुलिस से बचने के लिए तस्कर ये खास तरीका अपनाते थे।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी राम गापाल नाइक ने बताया कि एसटीएफ में तैनात एएसआई वीर सिंह को सूचना मिली थी कि लाल चंदन की लकड़ी से भरा ट्रक रिंग रोड से गुजरने वाला है। इस सूचना के आधार पर एसीपी पंकज सिंह की देख रेख में इंसपेक्टर जतन सिंह, एएसआई वीर सिंह, एएसआई अकबर अली, एएसआई रविन्द्र, हवलदार नीरज, विजय, विरेन्द्र और सिपाही रामअवतार, धीरज की टीम बनाई गई। इस टीम ने शुक्रवार की रात जाल बिछाकर संदिग्ध हालत में आ रहे ट्रक की तलाशी ली तो उसमें से 450 किलो चंदन की लकड़ियां बरामद हुईं। इससिलसिले में किशन, रविन्द्र, नीरज सहगल और निखिल सलवान नामक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।
जांच में पता चला कि तस्करी के लिए ये लोग ट्रक में ऊपर और नीचे खुशबूदार अगरबत्ती रख देते थे और बीच में चंदन कंसील कर देते थे। नीरज सहगल का काम था बाहर से तस्करी कर लाए गए चंदन को दिल्ली और एनसीआर में ठिकाने लगवाना। रवींद्र ट्रांसपोर्टर है और इसको हर खेप पर 40 हज़ार रुपये कमीशन मिलता था, जबकि तीसरा किशन ट्रक का ड्राइवर है। किशन को हर खेप में 20 हज़ार का कमीशन मिलता था। तस्करों का ये गैंग 2 साल से काम कर रहा था। इस गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने दिल्ली और एनसीआर में कई गोदाम भी किराए पर लिए हुए थे जहां ये लाल चंदन रखते थे।