नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के साइबर सेल ने फर्जी हथियार लाइसेंस की बदौलत असली हथियारों की खरीद बिक्री के बड़े रैकेट का भांडाफोड़ किया है। इस सिलसिले में हरियाणा के करनाल के गन हाउस मालिक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगो में से एक केंद्रीय मंत्रालय में जूनियर स्टेटिकल अफसर है और स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड की परीक्षा पास करके 2012 में सरकारी नौकरी पर रखा गया था।
दिल्ली क्राइम ब्रांच साइबर सेल डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक 4 अगस्त को गुप्त सूचना मिली थी कि यूपी से दिल्ली के इंडिया गेट के पास हथियारों की एक खेप आने वाली है। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर विजय शानवाल के नेतृत्व औऱ एसीपी वीकेपीएस यादव की देखरेख में एसआई प्रमोद कुमार, हवलदार ललित, गगनदीप, कांस्टेबल परमजीत, परविंदर, गगन, रजत औऱ सुधीर की टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने तिलक मार्ग की तरफ इंडिया गेट के पास से एक संदिग्ध इंसार खान को हिरासत में लिया। उसके कब्जे से कोलकाता आर्डिनेंस फैक्टरी में बना .32 बोर का पिस्टल औऱ पांच कारतूस बरामद हुआ। पूछताछ में पता चला कि इंसार केंद्रीय श्रम औऱ रोजगार मंत्रालय में जूनियर स्टैटिकल अफसर के रूप में काम करता है। इसके साथ ही वह यूपी से हथियार लाकर दिल्ली में सप्लाई भी करता था। उसने पुलिस को यह भी बताया कि बरामद हथियार वह बागपत के एक हिस्ट्रीशीटर दीपक उर्फ फुर्तीला से लेकर आया है। पूछताछ में उसने आगे बताया कि फर्जी लाइसेंस की बदौलत हथियार गन हाउस से खरीदे जाते हैं। उसक निशानदेही पर बागपत के बदमाश दीपक उर्फ फुर्तीला के घर छापा मारा गया जहां से 14 जिंदा कारतूस और एक मैगजीन बरामद हुए। दीपक 15 मामलो में लिप्त है। इंसार खान की निशानदेही पर करनाल में गन हाउस के मालिक पारस को गिरफ्तार किया गया। पारस ने पुलिस को बताया कि आर्डिनेंस फैक्टरी में बने हथियार फर्जी लाइसेंस के आधार पर बदमाशों को बेचने का काम करता है। इंसार खान बागपत के हिस्ट्रीशीटर से हथियार लेकर दिल्ली के बदमाशों को सप्लाई किया करता था। बदमाश करनाल में पारस से फर्जी लाइसेंस के आधार पर हथियार लिया करते थे। पारस बिना लाइंसेस की जांच किए उन्हें हथियार दे दिया करता था।
इंसार खान 2012 में एसएससी कंबाइंड ग्रेजुएट स्तर की परीक्षा पास कर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में जूनियर स्टैटिक अफसर के रूप में तैनात हुआ था।