दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हमलावरों के नकाब हटाए !

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी करके दावा किया कि जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष उनमें से एक थीं।पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं, जबकि दो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीप) से जुड़े हैं। हमलावरों के रूप में नाम लिए जाने के बाद जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि मेरे पास भी सबूत हैं कि किस प्रकार मुझ पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं, उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए।  

 

आइशी घोष के अलावा डोलन, सुचेता तालुकदार, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल, चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, भास्कर, सुशील कुमार और प्रिय रंजन के नाम दिल्ली पुलिस ने संदिग्ध हमलावरों में गिनाए हैं।  जेएनयू हिंसा मामले में कुल तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहला केस सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाने का, दूसरा केस रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्रों के साथ मारपीट करने का और तीसरा केस हॉस्टल में घुसकर हमला करने का है।

इस केस की जांच कर रही दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के डीसीपी जॉय तिर्की ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एक जनवरी से पांच जनवरी के बीच काफी संख्या में छात्र विंटर सेमेस्टर में पंजीकरण कराना चाहते थे, लेकिन वामपंथी झुकाव वाले संगठन उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहे थे।  डीसीपी ने 5 जनवरी को हुए हमले के सिलसिले में कहा कि विश्वविद्यालय के पेरियार हॉस्टल के कुछ खास कमरों को निशाना बनाया गया। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि आइशी घोष समेत कुछ लोगों ने हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया। 

डीसीपी ने बताया कि हम मामले की जांच पूरी होने के बाद मीडिया के साथ जानकारी शेयर करते हैं, लेकिन यह मामला बहुत गंभीर है इसलिए हम इस मामले की जानकारी आपको दे रहे हैं। डीसीपी ने बताया कि आरोपियों की पहचान वायरल वीडियो और जांच के दौरान छात्रों से मिले वीडियो से की गई है। 

उन्होंने बताया कि जेएनयू प्रशासन ने एक से पांच जनवरी तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया था, लेकिन वामपंथी छात्र संगठन इसके खिलाफ थे। डीसीपी ने कहा कि ज्यादतर छात्रों का कहना था कि उनको रजिस्ट्रेशन करने से रोका जाता था और धमकाया जाता है। तीन जनवरी को चार छात्र संगठनों ने सर्वर रूम में जाकर छेड़छाड़ की और स्टॉफ के साथ धक्कामुक्की भी की। 

उन्होंने बताया कि चार जनवरी को दोबारा से छात्र संगठन सर्वर रूम में गए लेकिन इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन काफी तैयार था। छात्रों ने फिर से धक्का मुक्की करके सर्वर रूम में तोड़फोड़ की। पांच जनवरी को कुछ छात्र रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते थे लेकिन लेफ्ट के कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया। इसके बाद पेरियर होस्टल के बाहर छात्रों में झड़प हुई।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि सबरमती होस्टल के बाहर पीस मीटिंग हो रही थी कि आचनक से एक ग्रुप आया और उनके मुंह पर मफलर थे। उन्होंने सबरमती होस्टल में घुसकर कमरों में तोड़फोड़ की और छात्रों के साथ मारपीट भी की। डीसीपी ने कहा कि तोड़फोड़ करने वालों को पता था कि कहां जाना है और किस कमरे को निशाना बनाना है। उन्होंने कहा कि बाहर का कोई शख्स इतनी आसानी से इतनी तोड़फोड़ नहीं की जा सकती है। 

उन्होंने कहा कि हमें कुछ व्हाट्सएप ग्रुप भी मिले हैं जो इस मकसद से ही बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक ग्रुप तो साढ़े पांच बजे बनाया गया जिसके बाद सात बजे सब इक्ट्ठा किया है। 

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