नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। गांव का सरपंच का चुनाव जीतने के लिए एक बदमाश ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया ताकि उसे लोग शरीफ समझने लगे। इसके साथ ही जेल में रहकर वारजात की साजिश भी रचने लगा। अपने साथियों को कार औऱ हथियार से लैस कर उसने द्वारका पेट्रोल पंप को लूटने भेज दिया लेकिन उसके चारों साथी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
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दिल्ली के द्वारका नार्थ की क्रैक टीम को 1 जून को सूचना मिली कि चोरी की सैंट्रो कार में चार बदमाश द्वारका की तरफ लूटपाट के इरादे से आ रहे हैं। सूचना मिलते ही द्वारका एसीपी राजेन्द्र सिंह ने द्वारका नार्थ एस एच ओ संजय कूंडू के नेतृत्व में एस आई वीर सिंह, हवलदार जितेन्द्र, कुलदीप विरेन्द्र सिपाही राजू, प्रमोद, सुनील औऱ रितेश की टीम बनाई ।
द्वारका डीसीपी एंटो अल्फोंसे के मुताबिक करीब सवा दो बजे पुलिस की विशेष टीम ने भरत विहार गोल चक्कर के पास जाल बिछा दिया। करीब सवा तीन बजे बिना नंबर प्लेट की एक सेंट्रो कार ककरोला गांव की तरफ से संदिग्ध हालत में आती हुई एक कार को रूकने का संकेत दिया। मगर कार रूकने की बजाय भागने लगी। पुलिस टीम ने किसी तरह कार रूकवाई और कार में बैठे चार लड़को को हिरासत में ले लिया।
तलाशी के दौरान उनके कब्जे से एक पिस्टल, दो देशी कट्टा और एक चाकू के अलावा कारतूस बरामद किए गए। उनकी पहचान इमरान, नकुल, सोनू और शिवम के रूप में हुई।
पूछताछ में पता चला कि दो साल पहले नकुल ने सेक्टर 17 के पेट्रोल पंप पर हेल्पर के रूप में नौकरी की थी। इस नाते वह जानता था कि पंप पर लाखों रूपये नकदी के रूप में आते हैं। वह यह भी जानता था कि पेट्रोल पंप पर काम करने वाले लोगों की संख्या कम है। नकुल ने यह सूचना अपने मित्र सोनू, शिवम और इमरान और एक अन्कोय बदमाश रॉबिन को दी थी। रॉबिन हापुर के बहादुर गढ़ थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ हत्या, लूट, गैंगस्टर एक्ट आदि के कई मुकदमे दर्ज हैं। बलराज भाटी गैंग में रह चुके रॉबिन ने द्वारका में पेट्रोल पंप लूट की साजिश रची। रॉबिन ने नवंबर 2019 में दिल्ली के के एन काटजू मार्ग से सेंट्रो कार चोरी की और एक लावारिस जगह पर खड़ी कर दी थी। वह इस कार को किसी वारदात में इस्तेमाल करना चाहता था।
द्वारका में पंप लूट की वारदात को अंजाम देने से पहले 26 मई को उसने यूपी पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इस समय वह डासना जेल में बंद है।