नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। कोरोना के खिलाफ जंग में दिल्ली पुलिस का एक वैन काफी चर्चा में है। यह वैन गोविंदपुरी इलाके के तुगलकाबाद एक्सटेंसन की चार गलियों में अक्सर घूमते हुए देखा जा सकता है। इस वैन की कहानी कोरोना के खिलाफ लड़ने में नित नए मुकाम बनाने वाली दिल्ली पुलिस के एक थानाध्यक्ष के आइडिया का कमाल है।
दरअसल गोविंदपुरी के तुगलकाबाद एक्सटेंसन में चार गलियां हॉटस्पॉट हैं। हॉटस्पॉट बनने और सील होने के बाद इन गलियों में पुलिस का जाना बंद हो गया था लिहाजा पुलिस सरकारी घोषणाओं को इन गलियों तक पहुंचाने में कठिनाई झेल रही थी, लेकिन गोविंदपुरी थानाध्यक्ष सतीश राणा ने इसका एक हल निकाला। यह हल क्या था यह जानने से पहले यह जान लीजिए कि यह गलियां क्यों और कैसे हॉटस्पॉच बनीं कहा तो यहां तक जा रहा है कि ये गलियां दिल्ली की सबसे बड़ी आबादी वाला हॉटस्पाट है। यहां करीब 40-45 हजार लोग रहते हैं।
तुगलकाबाद एक्सटेंसन काफी घनी आबादी वाला इलाका है। 13 अप्रैल को गली नंबर 27 के एक किराना स्टोर का मालिक कोरोना पॉजिटीव पाया गया। अब मामला चूंकि किराना स्टोर से जुड़ा था इसलिए उसके संपर्क में कौन और कितने लोग आए इस पर जांच शुरू हो गई। जांच के दौरान पहले उसके संपर्क में आए दो लोगों का पता चला और उनकी जांच हुई। यह दोनों पोजिटीव निकले। इस बात की जानते ही प्रशासन के हाथ पांव फुले आनन फानन में गली नंबर 26-27 के 94 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 35 कोरोना पॉजिटिव निकले।
जैसे ही यहां कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी सरकार ने चार गलियों 24-28 तक को कांटेनमेंट जोन घोषित कर वहां पूरी तरह सील करने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस को भी वहां जाना मुश्किल हो गया। दरअसल पूर्णतः लाकडाउन का पालन कराने से लेकर सरकारी घोषणाओं को लोगों तक पहुंचाना औऱ उनकी परेशानी को दूर करने के लिए पुलिस जाए तो कैसे जाए यह समस्या थी।
वैन का वीडियो–
इसका हल निकालने के लिए गोविंदपुरी थानाध्यक्ष सतीश राणा ने एक फार्मूला निकाला। उन्होंने एक वैन किराए पर ली। इस वैन को कोरोना से संबंधित घोषणाओं से सुसज्जित किया गया। उसके बाद पीपीई किट पहने दो पुलिसकर्मी और चालक वैन में पहुंचे। यह वैन अब हॉटस्पॉट वाली गलियों में घूमती है। उस पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम की सहायता से लगातार घोषणा की जाती है साथी उसी से यह भी निगरानी की जाती है कि कोई निवासी लॉकडाउन का उल्लंघन तो नहीं कर रहा। थानाध्यक्ष का यह फार्मूला काफी चर्चित हो रहा है।