केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सिविल डिफेंस में सुधार लाने का आह्वान किया है, ताकि इस संगठन को आपदा और शांति के समय अधिक प्रभावी बनाया जा सके। सिविल डिफेंस और गृह रक्षकों के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस संगठन की उपयोगिता के बारे में कोई संदेह नहीं है। इसने प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के समय अनेकों बार राष्ट्र की सेवा की है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आप आपदाओं के दौरान लेागों को सहायता उपलब्ध कराने में आगे रहे हैं। लेकिन बदलते समय के साथ इस संगठन में युवाओं को अवसर प्रदान करके वार्डन स्तर पर नेतृत्व की भूमिका उपलब्ध कराए जाने की जरूरत हैं। इस बल को प्रतिक्रियाशील भूमिका के साथ-साथ सक्रिय भूमिका भी निभानी चाहिए। कारगिल युद्ध के बाद इस संगठन की स्थिति सुधारने के लिए मंत्रियों के समूह और अन्य समितियों द्वारा की गई सिफारिशों को संगठन की स्थिति सुधारते समय ध्यान में रखा जाए। प्रतिबद्ध वार्डनों की नियुक्ति, समर्पित प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना और संगठन को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने जैसे उपायों की परख की जा सकती है।
राजनाथ सिंह ने गृह मंत्रालय, राज्य पुलिस, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और गृह रक्षक विभाग के अधिकारियों से सिविल डिफेंस और होम गार्ड के स्वयं सेवकों की भूमिका और जिम्मेदारियों की जांच करने और उनका अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए कहा। उन्होंने देश में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर सिविल डिफेंस और होम गार्ड का स्थापना दिवस और पदक वितरण समारोह आयोजित करने के लिए इस संगठन के महानिदेशक संजय कुमार की प्रशंसा की। उन्होंने बहादुरी के लिए राष्ट्रपति का एक फायर सेवा पदक, बहादुरी के लिए 9 फायर सर्विस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के 17 फायर पदक और विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के 14 होम गार्ड और सिविल डिफेंस पदक प्रदान किए। पदक विजेताओं को बधाई देते हुए और आकस्मिक स्थिति में उनकी भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस समुदाय क्षमता निर्माण, आपदा प्रबंधन और जन जागरूकता बढ़ाने में स्थानीय स्तर पर सक्रिय भूमिका निभा सकता है। एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और होम गार्ड के महानिदेशक संजय कुमार, एनडीएमए के सदस्य कमल किशोर, गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव, संजीव जिंदल ने भी इस अवसर पर संबोधित किया।