नई दिल्ली, इंडिया विस्तार।
अपराध के कई ऐसे मामले होते हैं जहाँ पुलिस के पास सुराग के नाम पर कुछ नहीं होता है। ना कोई सबूत, ना कोई गवाह। ऐसे मामलो में अपराधी तक पहुचना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नही होती। लेकिन पिछले कुछ सालों में पुलिस को एक मददगार मिला है जिसे तीसरी आंख यानी सीसीटीवी के नाम से जाना जाता है। सीसीटीवी फुटेज के जरिये कई ब्लाइंड केस का खुलासा किया गया और अपराधियों को सलाखों तक पहुँचाया गया।लेकिन सीसीटीव फुटेज खंगालना कोई आसान काम नही है। कोई घंटो के फुटेज को कई घंटों तक बारीकी से ढूंढना फ़िर उससे जानकायी हासिल कर अपराधी को पकड़ना काफी मुश्किल काम है।
लेकिन दिल्ली पुलिस के एक एएसआई को इसमें महारत हासिल है। इसीलिए उसे सीसीटीवी मैन के नाम से भी जाना जा रहा है। अपने कैरियर में लगभग 30 से ज्यादा आपराधियो को सलाखों के पीछे पहुँचाने में कामयाब रहे एएसआई नारायण दास शर्मा को सीसीटीवी फुटेज के साथ साथ काल डिटेल खगलाने में भी महारत है। नारायण दास शर्मा पिछले 22 साल से दिल्ली पुलिस में अपनी सेवा दे रहे है औऱ फिलहाल नार्थ वेस्ट जिला के महेंद्र पार्क थाने में तैनात है। नारायण दास को सीसीटीव फुटेज खागलने में महारत हासिल है। नारायण दास ने हत्या, लूट, स्नैचिंग,चीटिंग और कई हीनियस क्राइम को सीसीटीवी फुटेज के जरिये खोला है। और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुचा चुके है। यही वजह है जब जिले में कभी कोई ब्लाइंड केस होते है तब बडे अधिकारी नारायण दास को ढूंढते है। नारायण दास शर्मा अपने कैरियर में करीब 20 मर्डर केस एक दर्जन से ज्यादा रॉबरी ओर स्नैचिंग के केस खोल चुके है। नारायण दास कहते है कि पिछले दिनों जहँगीर पूरी में अंकित मर्डर केस को भी सीसीटीव फुटेज के जरिये खोला गया। इसके अलावा साल 2017 में शालीमार बाग के रेप केस भी सीसीटीव फुटेज के जरिये खोला, कई बार तो दस दस दिन तक 15 से 16 घंटे सीसीटीवी फुटेज लगातार खंगालने के बाद आरोपी को पकड़ा गया । नारायण दास का मानना है कि सीसीटीवी फुटेज अहम सबूत के तौर पर कोर्ट में इस्तेमाल होता है। इसिलए फुटेज खंगालने में जी जान लगा देते है। और फिर उनके काम के लिए सीनियर अधिकारीयो की तारीफ मिल जाए तो क्या कहना। डीसीपी असलम खान का कहना है कि नारायण दास ने पिछले कुछ दिनों में जिले के 40 प्रतिशत ब्लाइंड केस खोलने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।