जम्मू-कश्मीर की अपनी पहली यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था का मूल्यांकन करने, अमरनाथ यात्रा की तैयारी की समीक्षा करने तथा राज्य में बेहतर प्रशासन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के साथ कई बैठकें की। उन्होंने राज्य में पंचायतों के कार्यकलाप के संबंध में सरपंचों के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। अपनी यात्रा के दौरान गृह मंत्री श्री शाह जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद इंस्पेक्टर श्री अरशद खान के घर भी गए।
श्रीनगर में आयोजित बैठकों में राज्यपाल, केंद्रीय गृह सचिव, सभी चार सलाहकार, मुख्य सचिव एवं राज्य व केंद्र सरकार, सुरक्षा एजेंसियों व सैन्यबलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से चल रहे विकास कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर के लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने, उन्हें रोजगार व आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने, सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ देने तथा उनकी आय बढ़ाने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में बेहतर प्रशासन, विकास की गति को तेज करने, पंचायत और नगर पालिका प्रणाली को मजबूत करने, प्रधानमंत्री विकास पैकेज के क्रियान्वयन की गति में तेजी लाने, उच्च स्तरीय अवसंरचना निर्माण, सभी समुदायों के लिए समावेशी विकास, रोजगार के अवसरों के सृजन पर विशेष जोर देते हुए संतुलित क्षेत्रीय विकास तथा युवाओं पर विशेष ध्यान देने आदि मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गरीबों में भी सर्वाधिक गरीब को विकास का लाभ मिले। उन्होंने राज्य सरकार से विकास योजनाओं के कुशल कार्यान्वयन पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया ताकि भ्रष्टाचार और लिकेज को रोका जा सके।
अमरनाथ यात्रा की तैयारी की समीक्षा करने के दौरान गृह मंत्री श्री शाह ने यात्रा के सुरक्षित और बाधा रहित संचालन पर विशेष जोर दिया। समीक्षा में सशस्त्र बलों द्वारा की गई तैयारी, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष की तैयारी की स्थिति तथा सुरक्षाबलों की आवश्यकताओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। यात्रा के सफल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक व अन्य प्रबंधों की भी समीक्षा की गई।
सुरक्षा संबंधी समीक्षा में सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था, उग्रवाद को रोकने के लिए पिछले वर्ष की तैयारियों के परिणाम और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तृत ब्यौरा दिया। सुरक्षा व्यवस्था की बेहतर स्थिति की सराहना की गई। राज्य में शांति व व्यवस्था को पुनः बहाल करने के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
गृह मंत्री ने निम्नलिखित अनेक मुद्दों पर निर्देश दिए :
- राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वृद्धावस्था, दिव्यांगता और विधवा पेंशन उन सभी व्यक्तियों को समयबद्ध तरीके से मिल जाए जो इसके हकदार हैं। इसके साथ ही उन सभी पात्र व्यक्तियों के बारे में तेजी से पता लगाकर उन्हें भी लाभार्थियों की सूची में शामिल किया जाए जो इससे वंचित हैं। केंद्र सरकार अतिरिक्त धनराशि सुनिश्चित करेगी।
- इस राज्य में डेयरी एवं पशुपालन क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। राज्य को अमूल अथवा मदर डेयरी के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की दिशा में काम करना चाहिए और इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यक्रम तैयार करना चाहिए कि यह इस सेक्टर में अधिशेष (सरप्लस) हो जाए। यह एक ऐसा सेक्टर है जिसके विभिन्न लाभ यहां तक कि छोटे घरों तक भी पहुंचेंगे।
- पोल्ट्री क्षेत्र में भी व्यापक संभावनाएं हैं क्योंकि यह राज्य बड़ी मात्रा में पोल्ट्री उत्पादों का आयात करता है। राज्य को पोल्ट्री सेक्टर को बेहतर बनाने के लिए अनेक योजनाएं बनानी चाहिए क्योंकि यह सेक्टर निर्धनतम लोगों की आजीविका को बेहतर बनाता है। केंद्र सरकार इस दिशा में होने वाले प्रयासों में अपनी ओर से व्यापक सहयोग देगी।
- हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के आर्थिक व्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण सेक्टरों में से एक है। इस सेक्टर की संभावनाओं का अब तक पूर्ण दोहन नहीं हो पाया है। राज्य को खादी एवं ग्रामोद्योगों, एमएसएमई और केंद्र सरकार के कपड़ा विभागों से मदद लेनी चाहिए, ताकि इस सेक्टर के लगभग 40 विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरी सुनिश्चित की जा सके। इस सेक्टर के विकास से रोजगार अवसरों के साथ-साथ गरीब परिवारों की आजीविका में वृद्धि होगी।
- राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकाय प्रणाली अपनी जड़ों को मजबूत करे और स्वयं को सरकार के तीसरे स्तर के रूप में स्थापित करे। यह सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए कि पंचायतें और शहरी स्थानीय निकाय स्वयं को मिलने वाली धनराशि को अवश्य खर्च करें। यह धनराशि हजारों करोड़ रुपये में होती है, अत: इसका समुचित उपयोग सुनिश्चित करने से लोग लाभान्वित होंगे।
- राज्य में सामाजिक दृष्टि से कई वंचित वर्ग हैं जैसे कि पहाड़ी, गुजर, बकरवाल और अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग। इन्हें दिए गए आरक्षण लाभों को बड़े उत्साह से लागू किया जाना चाहिए और इन वर्गों में कोई भी पद रिक्त नहीं रहना चाहिए।
- राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए कि नवगठित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अमीर और ताकतवर लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर किए जाने वाले भ्रष्टाचार के मामलों पर अपना ध्यान केंद्रित करे।
- महिलाएं किसी भी विकास प्रक्रिया कि कुंजी होती हैं, इसलिए उन्हें सभी कार्यक्रमों के केंद्र में रखने की जरूरत है। राज्य को इस दिशा में काम करना चाहिए, ताकि महिलाएं बेहतर रोजगार अवसर और आजीविकाएं प्राप्त कर सकें।
- इसी तरह राज्य को ऐसे युवाओं तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम तैयार करना चाहिए जो अत्यंत काबिल हैं जैसे कि डॉक्टर, इंजीनियर, एमबीए इत्यादि और उनके पास कोई लाभकारी रोजगार या आजीविका नहीं है।
- राज्य के अधिकारियों को सभी तीनों क्षेत्रों- जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के संतुलित विकास के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील होना चाहिए।
श्री अमरनाथजी यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह से सतर्क रहने और हिंसा-मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी निषेधात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने निम्नलिखित निर्देश दिए:-
- एसओपी को लागू करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से सभी स्तरों पर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करना चाहिए।
- बलों को न केवल यात्रा की सुरक्षा के लिए, बल्कि श्रृद्धालुओं और पर्यटकों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए नवीनतम तकनीकों और गैजेट्स का सर्वोत्तम संभव इस्तेमाल सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से विघटनकारी ताकतों के साथ-साथ तोड़फोड़-विरोधी अभ्यास और आवाजाही को नियंत्रित करने वाली प्रक्रियाओं के लिए बलों का ध्यान आकर्षित किया।
यात्रा के सफल संचालन में राज्य के लोगों के पूरे दिल से सहयोग की सराहना करते हुए, केंद्रीय गृहमंत्री ने व्यवस्थाओं के लिए हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।
राज्य में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तृत जानकारी देने के बाद, केंद्रीय गृहमंत्री ने सुरक्षा स्थिति से संबंधित सभी मापदंडों में महत्वपूर्ण सुधार की सराहना करते हुए निम्नलिखित निर्देश दिए :
- आतंकवाद और आतंकवादियों के प्रति कोई कोताही नहीं बरती जाएगी (जीरो टोलरेंस)।
- आतंकी फंडिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।
- कानून का शासन लागू होना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद इंस्पेक्टर स्वर्गीय श्री अरशद खान के घर भी गए और उनके शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने राज्य सरकार में नौकरी के लिए उनकी पत्नी को एक नियुक्ति पत्र सौंपा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करने में जम्मू-कश्मीर पुलिस के काम की प्रशंसा की और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि हर साल अपने पुलिसकर्मियों की शहादत को उनके गृहनगर/गांवों में समुचित तरीके से याद किया जाना चाहिए। प्रमुख सार्वजनिक स्थानों का नाम भी शहीद पुलिसकर्मियों के नाम पर होना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि वह कई मोर्चों पर राज्य के निष्पादन की समय-समय पर समीक्षा करेंगे।
आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/जेके/आरआरएस/एसकेएस/एसके/एनआर/सीएस-1769